Parenting Tips: हर बच्चा अपनी छोटी-छोटी बातों को लेकर कभी न कभी जिद जरूर करता है. कई बार ये जिद पैरेंट्स के लिए परेशान करने वाली लगती है, लेकिन यही पल बच्चे के व्यवहार और सोच को समझने का सबसे अच्छा मौका भी होते हैं. डांटने या गुस्सा करने की बजाय अगर आप प्यार, समझ और धैर्य से बच्चे की बात सुनें, तो न सिर्फ उसकी जिद संभाली जा सकती है, बल्कि रिश्ता और भी गहरा बनता है. जानिए कैसे कुछ आसान पैरेंटिंग सीक्रेट्स से आप बच्चे की हर जिद को प्यार में बदल सकते हैं.
बच्चे की जिद के पीछे क्या कारण होता है?
हर जिद के पीछे कोई न कोई वजह होती है. जैसे ध्यान चाहना, थकान या अपनी बात मनवाने की कोशिश. अगर पैरेंट्स धैर्य से सुनें, तो बच्चे को महसूस होता है कि उसकी बात की कीमत है. इस तरह बच्चा खुद को सुरक्षित और समझा हुआ महसूस करता है.
गुस्से के बजाय प्यार से कैसे समझाएं?
जब बच्चा जिद करे, तो डांटने की जगह शांत आवाज में बात करें. प्यार से समझाने पर बच्चा जल्दी सुनता है और सीखता है कि गुस्सा नहीं, समझदारी काम आती है. इससे माता-पिता और बच्चे के बीच भरोसा बढ़ता है.
बच्चे को ऑप्शन देना क्यों जरूरी है?
हर बार “ना” कहने की बजाय, बच्चे को दो ऑप्शन दें. जैसे “अभी खेल लो या 10 मिनट बाद पढ़ाई करें.” इससे उसे लगता है कि उसकी राय मायने रखती है. यह तरीका बच्चे को जिम्मेदारी और निर्णय लेने की आदत सिखाता है.
बच्चे की तारीफ कैसे असर दिखाती है?
जब बच्चा अच्छा व्यवहार दिखाए या अपनी जिद छोड़ दे, तो उसकी तारीफ करें. छोटी-छोटी प्रशंसा से उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अच्छी आदतें दोहराने लगता है. प्यार और सराहना से बच्चा खुद बेहतर बनने की कोशिश करता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

