Kanya Puja Special Bhog: नवरात्रि के समय में नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोग खिलना बहुत ही शुभ माना जाता है. जितने भी लोग अपने घर में मां दुर्गा की पूजा करते हैं और कलश को स्थापित करते हैं. जितने भी लोग अपने घर पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं और कलश स्थापित करते हैं, वे लोग उन नौ कन्याओं के पैरों में आलता लगते हैं, इसके साथ उन्हें भोग खिलाते हैंलेकिन कई बार ऐसा होता है कि भोग में कौन-कौन सी चीजें बना कर छोटी कन्याओं को खुश किया जा सकता है इसे लेकर परेशान रहती हैं, तो आइए आज इस आर्टिकल में बताते हैं कि कौन-कौन सी चीजों भोग में शामिल किया जा सकता है.
इन चीजों को करें कन्या भोग में शामिल
कुट्टू की पूरी
भोग की थाली में कुट्टू की पूरी को शामिल करना बेहद ही महत्वपूर्ण है. इसका भोग भी माता रानी को लगाया जाता है. इसके साथ ही ये पूरी पूरे थाली को कंप्लीट करती है. ये खाने में बच्चों को भी स्वादिष्ट लगती है. ये व्रत दौरान इसलिए बच्चों को खिलाया जाता है क्योंकि ये पेट को हल्का रखता है.

काले चने
काले चने की सुखी सब्जी भोग में मां दुर्गा को चढ़ाया जाता है. इसे बनाने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. इसे बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है. इसे बनाने के लिए आप रात में चने को रात में भिगो कर रख सकते हैं. ये थोड़ी चटपटी होती है तो बच्चों को पसंद आती है.

रस वाले आलू
नवरात्रि में रस वाले आलू के बिना थाली अधूरी सी लगती है. पूरियों के साथ अगर रस वाली कोई सब्जी न हो तो बच्चे भी कई बार खाने में आनाकानी करते हैं. इसलिए ये चटपटी रस वाले आलू सभी को बहुत पसंद आती है. ये भोग के लिए भी उपयोग की जाती है.

साबूदाने की खीर
साबूदाने की खीर लोग व्रत में खाते हैं, इसे फलाहार माना जाता है. इसे बनाने के लिए रात में साबुदान को भिगोकर रख देना होता है. साबूदाने की खीर बच्चों को मीठे में एक बेहतर ऑप्शन मिलेगा क्योंकि मीठा हर किसी को पसंद होता है.

साबूदाने का ढोकला
भोग से अलग हटकर भी आप कन्या भोग की थाली में कुछ शामिल कर सकती हैं जो कि बच्चों को बहुत पसंद आती हैं. उनमें से एक है साबूदाना ढोकला जो कि भोग से थोड़ा अलग भी है और स्वादिष्ट भी होता है.

दही फ्रूट सलाद
सारे भोग को खाने के बाद आप बच्चों को एक फ्यूजन डिश भी दे सकते हैं, जो कि पूरे तरीके से फलाहारी है. यह बनाने में भी आसान है और खाने में भी स्वादिष्ट होता है. बच्चों को देने में इसे कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि इसे खाने से बच्चों को पोषण मिलता है.


