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Jitiya Vrat 2025: नहाय-खाय और पारण में जरूर शामिल करें ये 5 पारंपरिक चीजें, सेहत और संतान दोनों के लिए हैं वरदान

Jitiya Vrat 2025: जैसे छठ पर्व में "नहाय-खाय" और "पारण" का विशेष महत्व होता है, वैसे ही जितिया व्रत में भी उपवास से पहले और बाद की खानपान परंपराओं का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है. उपवास के बाद जब पारण किया जाता है, तो कुछ खास और पारंपरिक खाद्य पदार्थों को भोजन में जरूर शामिल किया जाता है.

Jitiya Vrat 2025: आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को रखा जाने वाला जितिया व्रत, माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है. इस वर्ष यह व्रत 14 सितम्बर को रखा जाएगा. जैसे छठ पर्व में “नहाय-खाय” और “पारण” का विशेष महत्व होता है, वैसे ही जितिया व्रत में भी उपवास से पहले और बाद की खानपान परंपराओं का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है. उपवास के बाद जब पारण किया जाता है, तो कुछ खास और पारंपरिक खाद्य पदार्थों को भोजन में जरूर शामिल किया जाता है. ये पदार्थ न केवल शुभ माने जाते हैं, बल्कि उपवास के बाद शरीर को ऊर्जा, पोषण और संतुलन देने का काम भी करते हैं. आइए जानते हैं उन 5 खास चीजों के बारे में जिन्हें जितिया व्रत के पारण में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए:

1. नोनी साग – शक्ति और शुद्धता का स्रोत

नोनी साग से बनी सब्ज़ी, दाल या पकौड़ी जितिया के नहाय-खाय और पारण दोनों में बनाई जाती है. इसमें पाए जाते हैं एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-एजिंग गुण, जो शरीर को शुद्ध और ऊर्जावान बनाए रखते हैं.  स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद यह साग व्रत के बाद की थकान मिटाने में भी सहायक होता है.

Noni Saag
Noni saag

2. अरबी – पोषण और पाचन का संतुलन

अरबी की सब्जी और इसके पत्तों से बनी डिशेस जितिया के पारण में पारंपरिक रूप से बनाई जाती हैं. अरबी में होता है भरपूर पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन C-E, फाइबर और स्टार्च, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. यह पचने में आसान होती है, इसलिए व्रत के बाद यह पेट के लिए उत्तम मानी जाती है.

Arbi
Arbi

3. तुरई – हल्की, हरी और हेल्दी

कम तेल में बनने वाली तुरई की सब्ज़ी जितिया पारण के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.
यह सब्ज़ी होती है आयरन, विटामिन A, C, B6 और फाइबर से भरपूर, और इसमें कैलोरी होती है बेहद कम. यह शरीर को हल्का रखती है, ब्लड शुगर नियंत्रित करती है और वजन बढ़ने से भी बचाती है.

Turai
Turai

4. देसी मटर (कुशी केराव) देसी स्वाद, जबरदस्त ताकत

जितिया व्रत के पारण में देसी मटर, जिसे कुशी केराव भी कहते हैं, शामिल करना पारंपरिक रूप से जरूरी माना गया है. यह मटर विटामिन B12 से भरपूर होती है और शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करती है.  स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह संपूर्ण पोषण देती है, खासकर उपवास के बाद.

Matar
Matar

5. रागी (मंडुआ) – फाइबर और ताकत का खजाना

रागी या मंडुआ को जितिया के पारण में जरूर शामिल करना चाहिए.  यह मोटा अनाज कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर होता है. 24 घंटे के निर्जला उपवास के बाद जब शरीर थका होता है, तब रागी पेट को राहत देता है, कब्ज और गैस से बचाता है और पाचन को मजबूत करता है.

Raagi
Raagi

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Prerna
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"As a passionate lifestyle journalist, I specialize in capturing the essence of everyday living — from wellness trends and fashion insights to food, travel, and culture. With a keen eye for detail and a love for storytelling, I strive to bring inspiring, informative, and engaging content that connects with readers on a personal level. My goal is to explore how lifestyle choices shape our identity and influence the world around us, one story at a time.

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