Mooli Ka Achar Recipe: भारत में खाने के साथ अचार का होना स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है. चाहे पराठा हो या दाल-चावल, थोड़ा-सा अचार हर थाली को खास बना देता है. मूली का अचार भी उन्हीं स्वादिष्ट और पारंपरिक अचारों में से एक है, जो खासकर सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है. इसकी हल्की तीखी, खट्टी और सुगंधित खुशबू खाने में ताजगी और अलग ज़ायका जोड़ देती है. मूली का अचार न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पाचन को भी बेहतर बनाता है. इसे बनाना बेहद आसान है और इसकी सामग्री भी घर में आसानी से मिल जाती है. कुछ दिनों में यह तैयार होकर खाने लायक हो जाता है और लंबे समय तक सुरक्षित भी रहता है. अगर आप भी अपने खाने में देसी स्वाद का तड़का लगाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं मूली का अचार कैसे बनाएं?
मूली का आचार बनाने के लिए कौन-कौन सी सामग्री की जरूरत पड़ेगी?
मूली का अचार बनाने के लिए आपको चाहिए –
मूली – 500 ग्राम
सरसों का तेल – 1 कप
लाल मिर्च पाउडर – 2 छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर – 1 छोटी चम्मच
नमक – स्वादानुसार
राई (पीसी हुई) – 2 छोटी चम्मच
सौंफ – 1 छोटी चम्मच
अजवाइन – ½ छोटी चम्मच
सिरका – 2 बड़े चम्मच (लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए)
मूली का आचार कैसे बनाएं?
मूली को अच्छे से धोकर पतले टुकड़ों या लच्छों में काट लें. फिर उसे 3–4 घंटे के लिए धूप में या रसोई के किसी सूखे हिस्से में फैला दें, ताकि उसका पानी सूख जाए और अचार खराब न हो.
आचार का मसाला कैसे तैयार करें?
एक कढ़ाई में सरसों का तेल गरम करें और हल्का ठंडा होने दें. अब उसमें राई, सौंफ, अजवाइन, हल्दी, लाल मिर्च और नमक डालकर अच्छे से मिलाएं. जब तेल गुनगुना रह जाए, तब मूली के टुकड़े डालें और अच्छी तरह मिक्स करें.
मूली के आचार को कितने दिन रखे ताकि उसका स्वाद और बढ़ जाए?
अचार को एक कांच के जार में भरें और 3–4 दिन तक धूप में रखें. हर दिन हल्का-सा हिलाएं ताकि मसाला समान रूप से हर मूली पर लगे. 4–5 दिन बाद अचार खाने के लिए तैयार हो जाता है.
मूली के आचार को कितने दिन रख सकते हैं?
अगर इसे साफ और सूखे जार में रखा जाए और बीच-बीच में धूप लगाई जाए, तो मूली का अचार 2 से 3 महीने तक स्वादिष्ट बना रहता है.
मूली के आचार को फ्रिज में रख सकते हैं क्या?
हां, अगर मौसम गर्म है तो फ्रिज में रखने से अचार ज्यादा दिन तक ताज़ा रहता है.
क्या मूली का आचार खाने से कोई नुकसान हो सकता है?
अगर मूली बहुत ज्यादा तीखी या पुरानी हो तो गैस की समस्या हो सकती है, इसलिए अचार में ताज़ी और कम तीखी मूली का इस्तेमाल करें.
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