Hartalika Teej 2025 Traditional Shringar: हरतालिका तीज का त्योहार हर महिला के लिये बेहद खास होता है.इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी सुंदरता को सोलह श्रृंगार से निखारती हैं. इस खास दिन पर 16 पारंपरिक श्रृंगार अपनाना सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. चाहे आप सिंपल और क्लासिक लुक पसंद करें या स्टाइलिश और ट्रेंडी पैटर्न इन श्रृंगार आइटम्स के बिना आपकी खूबसूरती अधूरी है. जानिए कौन-कौन से 16 श्रृंगार इस तीज पर हर महिला के लिए जरूरी हैं और कैसे इन्हें अपनाकर आप अपने रूप और उत्सव को और भी खास बना सकती हैं.
- स्नान और केश सज्जा :कोई भी श्रृंगार स्नान के बिना अधूरा है. पूजा से पहले पवित्र स्नान करना अनिवार्य है. इसके बाद बालों को अच्छे से धोकर उन्हें संवारना चाहिए.पारंपरिक रूप से बालों को जूड़े में बांधकर गजरा या फूल लगाए जाते हैं.
- मांग टीका : मांग टीका माथे के बीच में पहना जाता है जो सिर के बीचो-बीच लटकता है. यह सुहाग और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे पहनने से चेहरे पर एक अलग ही निखार आता है.
- सिंदूर : सिंदूर को सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा श्रृंगार माना जाता है. यह मांग में भरा जाता है और इसे पति की लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है. तीज के दिन सिंदूर का महत्व सबसे ज्यादा होता है.
- बिंदी : बिंदी दोनों भौंहों के बीच में लगाई जाती है.यह एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है.लाल बिंदी पारंपरिक लुक को पूरा करती है.
- काजल : काजल आंखों की सुंदरता को बढ़ाता है और उन्हें आकर्षक बनाता है.माना जाता है कि काजल लगाने से बुरी नजर से भी बचाव होता है.
- आलता या महावर : आलता लाल रंग का एक तरल पदार्थ होता है जिसे पैरों पर लगाया जाता है. यह सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक है. तीज पर पैरों में आलता के सुंदर डिजाइन बनाए जाते हैं.
- मेंहदी : मेहंदी के बिना तीज का श्रृंगार अधूरा है.यह हाथों और पैरों पर लगाई जाती है. इसके बिना कोई भी त्योहार अधूरा माना जाता है. मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है पति-पत्नी के बीच प्रेम उतना ही गहरा होता है.
- चूड़ियां : चूड़ियां सुहागिन महिलाओं के हाथों की शोभा बढ़ाती हैं. ये प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक हैं.तीज पर पारंपरिक रूप से लाल, हरे या सुनहरे रंग की चूड़ियां पहनी जाती हैं.
- अंगूठी : हाथों की उंगलियों में पहनी जाने वाली अंगूठी भी सोलह श्रृंगार का हिस्सा है. ये पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार और विश्वास को दर्शाती हैं.
- पायल : पायल पैरों में पहनी जाती है. इसकी मधुर ध्वनि घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.
- कमरबंद : कमरबंद साड़ी या लहंगे के ऊपर पहना जाता है. यह कमर की खूबसूरती को बढ़ाता है और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
- बाजूबंद : बाजूबंद हाथों की सुंदरता को बढ़ाता है. यह एक आभूषण है जो बाजू में पहना जाता है और इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.
- नथ : नथ नाक में पहनी जाती है जो दुल्हन के श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है. तीज के दिन नथ पहनना शुभ माना जाता है.
- हार या मंगलसूत्र : मंगलसूत्र सुहाग का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक है जिसे विवाह के बाद पहना जाता है. यह मंगलसूत्र या कोई भी पारंपरिक हार पहनना सोलह श्रृंगार का हिस्सा है.
- ईयररिंग्स : कानों में पहने जाने वाले ईयररिंग्स चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और इसे भी सोलह श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है.
- पारंपरिक परिधान (पोशाक) : सोलह श्रृंगार का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पारंपरिक परिधान है. तीज के दिन लाल, हरा या पीले रंग की साड़ी या लहंगा पहनना शुभ माना जाता है.
