Dhanteras 2023: धनतेरस, भारतीय परंपरा में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, और यह दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को सजाने और सफाई करने के साथ-साथ विभिन्न पूजा-अर्चना भी करते हैं. धनतेरस पर झाड़ू (ब्रूम) खरीदना शुभ माना जाता है. पुराणों के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. वहीं ज्योतिष के एक संहिता ग्रंथ में झाड़ू को सुख की वृद्धि करने वाला और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाला बताया गया है.
झाड़ू खरीदने से क्या होता है
झाड़ू से घर में दरिद्रता नहीं आती है. इससे मनुष्य की दरिद्रता दूर होती है. घर में झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. इसलिए धनतेरस पर सोना-चांदी और झाड़ू की खरीदी की जाती है. अगर कोई आर्थिक तंगी से परेशान है तो धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदें. माना जाता है कि झाड़ू से नेगेटिव पावर दूर भागती है और घर में पॉजिटिव पावर आता है. झाड़ू को घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है.
झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, उसमें माता लक्ष्मी का वास होता है. झाड़ू को नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला और सकारात्मकता का संचार करने वाला माना जाता है. माना जाता है कि झाड़ू को बुराइयों को नाश करता है. इसे घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है.
कब है धनतेरस
इस बार धनतेरस 10 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन आभूषण, बर्तन और अन्य नये सामान खरीदने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. धनतेरस में भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. शास्त्रों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. धन्वंतरि देव के साथ धनतेरस में माता लक्ष्मी और कुबेर देव की भी पूजा अर्चना की जाती है. इसलिए इस दिन वैसी वस्तुएं खरीदने का विधान है, जिससे घर में महालक्ष्मी और भगवान कुबार की कृपा बनी रहें.
पुरानी झाड़ू का क्या करें
कहा जाता है कि पुरानी झाड़ू को धनतेरस के बाद घर के किसी भी काम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. धनतेरस पर आधी रात के बाद इसे घर से बाहर निकाल देना चाहिए. इसके अलावा, नई झाड़ू लाने के बाद उसमें एक सफेद रंग का धागा बांध दें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और घर की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी.