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Chanakya Niti: गलती से भी अपने बच्चों को न सीखने दें ये 5 चीजें, जीवन होगा बर्बाद समाज में नहीं मिलेगी इज्जत

Chanakya Niti: अगर आपके घर पर छोटे बच्चे हैं और आप चाहते हैं कि उनका आने वाला जीवन बेहतर हो और साथ ही समाज में उन्हें इज्जत भी मिले तो चाणक्य नीति में बताई गयी चीजों से हमेशा ही अपने बच्चे को दूर रखना चाहिए. अगर आपके बच्चे ये चीजें सीख जाते हैं तो उनका भविष्य बर्बाद होना तय है.

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य केवल पॉलिटिक्स और डिप्लोमेसी के जानकार ही नहीं थे, बल्कि वे लाइफ मैनेजमेंट के भी बड़े जानकार थे. उनकी नीतियां आज भी परिवार, रिलेशनशिप, शिक्षा और बच्चों के पालन-पोषण में सही रास्ता दिखाती हैं. आचार्य चाणक्य का मानना था कि बच्चों का बचपन अगर सही संस्कार और डिसिप्लिन से भरा हो तो उनका फ्यूचर बेहतर होता है, लेकिन अगर छोटी उम्र में ही उन्हें गलत आदतें सिखा दी जाएं तो यही आदतें आगे चलकर उनके पूरे जीवन को बर्बाद कर सकती हैं. माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को अच्छे-बुरे की पहचान कराएं और उन्हें बुरी चीजों और ट्रेंड्स से दूर रखें. तो चलिए जानते हैं उन 5 आदतों के बारे में विस्तार से जिनसे बच्चों को हमेशा बचाकर रखना चाहिए.

झूठ बोलने की आदत

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि झूठ बोलने वाले इंसान को कभी भी समाज में इज्जत नहीं मिलता. अगर बच्चे छोटी-छोटी बातों में झूठ बोलना सीख जाते हैं तो यह आदत धीरे-धीरे उनके स्वभाव का हिस्सा बन जाती है. इससे न केवल उनका भरोसा टूटता है बल्कि आगे चलकर करियर और रिश्ते भी अफेक्टेड होते हैं.

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बच्चों को न सिखाएं आलस करना

आचार्य चाणक्य के अनुसार आलस ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है. अगर बच्चों को हर काम टालने की आदत पड़ जाए तो वे कभी जीवन में सफल नहीं हो पाएंगे. बचपन से ही उनमें डिसिप्लिन और मेहनत का भाव जगाना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे आगे चलकर मौके मिलने पर भी उनका फायदा नहीं उठा पाएंगे.

गलत संगति में रहना

चाणक्य नीति के अनुसार बच्चों के दोस्तों का असर उनके स्वभाव और फ्यूचर पर काफी गहरा पड़ता है. अगर बच्चा गलत संगति में पड़ जाए तो वह बुरी आदतें जैसे गाली-गलौज, झूठ बोलना, नशा या फिर पढ़ाई न करना सीख सकता है. आचार्य चाणक्य का कहना था कि, जैसे दूध में मिला जहर पूरे दूध को खराब कर देता है वैसे ही बुरी संगति इंसान का जीवन बिगाड़ देती है.

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अपमान करने की आदत

बच्चों को कभी भी दूसरों का मजाक उड़ाना, अपमान करना या कमजोर समझना नहीं सिखाना चाहिए. चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों की इज्जत नहीं करता, उसे खुद भी कभी इज्जत नहीं मिलती. अगर यह आदत बचपन से ही बच्चों में आ जाए तो आगे चलकर उनके रिश्ते कमजोर हो जाएंगे और समाज में उन्हें भी हमेशा नापसंद ही किया जाएगा.

समय का गलत इस्तेमाल

आचार्य चाणक्य का मानना था कि समय से बड़ा धन इस संसार में कुछ नहीं है. अगर बच्चा बचपन से ही अपना समय बेकार की चीजों में गंवाना सीख जाए तो वह कभी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा. समय का सही इस्तेमाल ही इंसान को सफल और महान बनाता है और यही कारण है कि बच्चों को बचपन से ही टाइम की वैल्यू समझाना काफी जरूरी हो जाता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Saurabh Poddar
Saurabh Poddar
Digital Media Journalist having more than 2 years of experience in life & Style beat with a good eye for writing across various domains, such as tech and auto beat.

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