Bhagavad Gita Updesh : श्रीमद् भगवद गीता, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया जीवन का अमूल्य उपदेश है. यह ग्रंथ न केवल युद्धभूमि की स्थिति को दर्शाता है, बल्कि हर मनुष्य के जीवन में आने वाली कठिनाइयों का समाधान भी बताता है. इसमें कर्म, धर्म, ज्ञान और भक्ति का गूढ़ ज्ञान समाया हुआ है. आइए जानते हैं श्रीकृष्ण के कुछ प्रेरणादायक उपदेश जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं, यहां श्रीमद् भगवद गीता से लिए गए प्रेरणादायक उपदेश दिए गए हैं, जो श्रीकृष्ण ने जीवन, कर्म और आत्मा के विषय में अर्जुन को दिए थे:-
- “कर्म करो, फल की चिंता मत करो”
- “जो हुआ, अच्छा हुआ. जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है. जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा”
- “मनुष्य अपने विश्वास से बनता है, जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है”
- “तू अपने कर्तव्य का पालन कर, क्योंकि कर्म करना ही तेरा अधिकार है”
- “क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती है, और बुद्धि के नष्ट होते ही व्यक्ति का पतन हो जाता है”
- “जो व्यक्ति सभी इच्छाओं को त्याग देता है और अपने आत्मा में संतुष्ट रहता है, वही सच्चा योगी है”
- “शांति वहीं है जहां मन की इच्छाएं शांत हों और आत्मा ईश्वर में लीन हो”
- “वह व्यक्ति सबसे श्रेष्ठ है, जो सुख-दुख में समान रहता है”
- “जो अपने इंद्रियों को वश में कर लेता है, वही सच्चा ज्ञानी है”
- “भविष्य की चिंता मत करो, वर्तमान में अपना कर्म करो”
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