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Bhagat Singh Jayanti, Quotes: भगत सिंह की जयंती आज, साझा करें उनके अनमोल विचार, जानें कुछ अनसुनी बातें

Shaheed Bhagat Singh Jayanti, Quotes: महान क्रांतिकारी और शहीद ए आजम के नाम से प्रसिद्ध शहीद भगत सिंह (Shaheed Bhagat Singh) की जयंती 28 सितंबर (Bhagat Singh Jayanti 2022) को है. उन्होंने कभी भी अपनी जिंदगी की परवाह नहीं की और आजादी के लिए संघर्ष करते हुए देश के नाम शहीद हो गए थे.

Shaheed Bhagat Singh Jayanti, Quotes: भगत सिंह का जन्म लायलपुर जिले के बंगा में सन् 1907 में हुआ था. जब जलियांवाला बाग कांड हुआ तब वे महज 12 साल के थे. इस घटना से उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा. बस फिर क्या था, 14 की उम्र में वे निकल पड़े देश में लगे आग को बुझाने. सन् 1920 में पहली बार वो महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हुए. हालांकि, बाद में उनकी विचारधारा उनसे अलग हो गई. मात्र 23 साल की उम्र में ही अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया था. भगत सिंह मार्क्स के विचारों से काफी प्रभावित थे. उनका ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा आज भी काफी प्रसिद्ध है. इसका मतलब है कि क्रांति की जय हो. इस नारे ने देशवासियों में जोश भरने का काम किया था. यहां जानें शहीद भगत सिंह के कुछ अनमोल विचारों (Bhagat Singh Quotes) के बारे में.

भगत सिंह के प्रेरणादायक विचार (Bhagat Singh Thoughts, Quotes

  • जरूरी नहीं कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो. यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था.

  • आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं उसके आदी हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं. हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है.

  • जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.

  • मेरा धर्म देश की सेवा करना है.

  • प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं.

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  • सूर्य विश्व में हर किसी देश पर उज्ज्वल हो कर गुजरता है परन्तु उस समय ऐसा कोई देश नहीं होगा जो भारत देश के सामान इतना स्वतंत्र, इतना खुशहाल, इतना प्यारा हो.

  • यह एक काल्पनिक आदर्श है कि आप किसी भी कीमत पर अपने बल का प्रयोग नहीं करते, नया आन्दोलन जो हमारे देश में आरम्भ हुआ है और जिसकी शुरुवात की हम चेतावनी दे चुके हैं वह गुरुगोविंद सिंह और शिवाजी महाराज, कमल पाशा और राजा खान, वाशिंगटन और गैरीबाल्डी, लाफयेत्टे और लेनिन के आदर्शों से प्रेरित है.

  • मनुष्य/इन्सान तभी कुछ करता है जब उसे अपने कार्य का उचित होना सुनिश्चित होता है, जैसा की हम विधान सभा में बम गिराते समय थे. जो मनुष्य इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं उनके लाभ के हिसाब के अनुसार इसे अलग-अलग अर्थ और व्याख्या दिए जाते हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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