Benefits Of Hing In Dal: भारतीय रसोई में दाल रोज़ाना बनने वाली सबसे महत्वपूर्ण और पौष्टिक डिश मानी जाती है. लेकिन दाल का स्वाद तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक उस पर एक सुगंधित और ज़ायकेदार हींग का तड़का न डाला जाए. सिर्फ एक चुटकी हींग दाल के स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है और इसे पचाना भी आसान बनाती है. हींग का तड़का लगाना सिर्फ एक कुकिंग ट्रिक नहीं, बल्कि एक पुरानी भारतीय परंपरा है, जिसे आयुर्वेदिक कारणों से भी सही माना जाता है. दाल को हल्का, स्वादिष्ट और गैस-फ्री बनाने का सबसे आसान और असरदार तरीका हींग का तड़का ही है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर डाल में हिंग का तड़का क्यों लगाया जाता है.
हिंग पाचन शक्ति को मजबूत बनती है
दालें प्रोटीन से भरपूर होती हैं, लेकिन कई बार इन्हें पचाना भारी पड़ सकता है. हींग का तड़का गैस, अपच और पेट फूलने की समस्या को कम करता है. यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे दाल हल्की और आसानी से पचने योग्य बन जाती है.
दाल के स्वाद और सुगंध को बेहतर बनाती है
थोड़ी-सी हींग दाल में ऐसी महक और स्वाद डालती है कि उसका जायका दोगुना हो जाता है. खासकर तड़के में जब हींग घी या तेल के साथ गरम होती है, तो उसकी खुशबू पूरे खाने में फैल जाती है.
दाल को गैस बनाने से रोकती है
अरहर, चना, राजमा या उड़द जैसी दालें शरीर में गैस बना सकती हैं. हींग में मौजूद प्राकृतिक एंटी-कार्मिनेटिव गुण गैस बनने से रोकते हैं. इसलिए दाल में हींग लगाने की परंपरा को आयुर्वेद भी सही मानता है.
स्वाद के साथ सेहत का भी रखती है ध्यान
हींग में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. यह शरीर की सूजन कम करने, गैस्ट्रिक समस्या ठीक करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकती है.
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