Aurangzeb History: विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ वर्तमान में चर्चा का विषय बनी हुई है.इस फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े पुत्र संभाजी महाराज की वीरता, साहस और बलिदान की प्रेरणादायक कथा प्रस्तुत की गई है.इसके साथ ही, मुगल सम्राट औरंगजेब की भयानक क्रूरता की कहानी भी दर्शाई गई है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि उसने अपने भाइयों की हत्या भी करवाई थी.औरंगजेब अपने बेटों पर भी विश्वास नहीं करता था.
औरंगजेब का एक पहलू ये भी
एक दिलचस्प बात कम लोगों को पता होगी कि औरंगजेब टोपियां सिलने का काम भी करता था. औरंगजेब के इस पहलू को हम तान्हाजी और छावा जैसी फिल्मों में देखा जा सकता है. लोगों के मन में ये कौतूहल होगा कि औरंगजेब एक शास्क होने पर भी टोपियां क्यों बुनता था. इतिहासकारों की मानें तो इस्लाम में टोपियां पहनने का इतिहास पुराना है और इसे धार्मिक आस्था से जोड़ा जाता है.
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शाही जीवन से खुद को रखा दूर
औरंगजेब इस्लाम का कट्टर अनुयायी था. वह खुद अपने हाथों से टोपियां बनाता था और उससे जो आमदनी होती थी उससे वह अपनी जरूरतें पूरा करता था. इतिहासकारों की मानें तो औरंगजेब ने अपने अंतिम संस्कार के लिए भी धन इकट्ठा किया था. औरंगजेब को सादगी पसंद थी. उसने शाही जीवन से खुद को दूर रखा और उसने अपने खर्च को भी सीमित कर दिया था. कहा तो ये भी जाता है कि औरंगजेब ने अपने निजी खर्चे के लिए राज्य के खजाने का उपयोग नहीं किया था. उसने अपने अंतिम समय में धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में बीतता था.
औरंगजेब का शासन
औरंगजेब का शासन सभी के लिए सुखद नहीं था. गैर-मुसलमानों के प्रति उनके कठोर नियम और संगीत तथा नृत्य पर लगाए गए प्रतिबंध से कई लोग असहमत थे. इस कारण कुछ व्यक्तियों ने क्रोध में आकर उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया. इन कठिनाइयों के बावजूद, औरंगज़ेब का साम्राज्य उसके शासनकाल में लगातार विस्तारित होता रहा.