Copper Vessel Water: तांबे के बर्तन या तांबे की बोतल में रखा पानी पीने का चलन इन दिनों तेजी से उभर रहा है. हो सकता है कि आपने अभी-अभी इस प्रवृत्ति के बारे में सीखा हो, लेकिन इसके आयुर्वेदिक गुण भी है. हालांकि, आपको आश्चर्य हो सकता है कि क्या यह अभ्यास लाभकारी और सुरक्षित है या केवल एक सनक मात्र है. इस बारे में आइए जानते हैं क्या फायदा और नुसकान है.
तांबे के पानी के फायदे?
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को कई तरह फायदा पहुंचाता है. इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है साथ ही हड्डियों को मजबूती भी मिलती है. तांबे का पानी को अमृत माना जाता है. इससे थाइरॉइड ग्लैंड के बेहतर फंक्शन और स्किन की सेहत को बढ़ावा मिलता है. यह आर्थराइटिस के दर्द को दूर करने में कारगर होता है. इस पानी के सेवन से वजन भी कम होता है और दिल की सेहत में सुधार भी आ सकता है. इसके अलावा अगर आप अक्सर कब्ज की दिक्कत से जूझते हैं, तो इसमें भी आपको काफी फायदा मिल सकता है.
तांबे के पानी सेवन कितना करें?
आप अगर दिन में दो से तीन गिलास तांबे के पानी का सेवन करते हैं तो ये आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. वहीं अगर आप इससे ज्यादा और दिनभर तांबे के पानी पी रहे हैं तो ये आपके लिए घातक साबित हो सकता है.
किसे नहीं पीना चाहिए तांबे का पानी?
क्या सबके लिए ये पानी अमृत है...तो आयुर्वेद के अनुसार कुछ लोगों को तांबे के पानी से परहेज करना चाहिए, जो लोग दस्त, उल्टी, मतली, गैस, सिरदर्द, जलन या रक्त बहने के किसी गंभीर डिसऑर्डर से परेशान हैं तो उन्हें सलाह दी जाती है कि वो तांबे के पानी को न पिएं.