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Gumla news : बरांग व चैरअंबा नदी पर बनेंगे पुल, 50 से अधिक गांवों को मिलेगा लाभ

Jharkhand news, Gumla news, गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिला स्थित चैरंअबा व घाघरा के बरांग गांव से बहने वाली नदी पर हाईलेबल पुल बनेगा. दोनों पुल का टेंडर निकाल दिया गया है. 30 दिसंबर को टेंडर है. टेंडर फाइनल होते ही वर्ष 2021 में नये पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इन दोनों नदियों में पुल नहीं रहने के कारण फिलहाल 50 से अधिक गांव के ग्रामीणों को आने- जाने में काफी परेशानी होती है. बरसात के दिनों में दोनों नदी उफान पर रहती है. जलस्तर कम होने के बाद ही लोग सफर करते हैं. दोनों पुल ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल द्वारा बनवाया जायेगा.

Jharkhand news, Gumla news, गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिला स्थित चैरंअबा व घाघरा के बरांग गांव से बहने वाली नदी पर हाईलेबल पुल बनेगा. दोनों पुल का टेंडर निकाल दिया गया है. 30 दिसंबर को टेंडर है. टेंडर फाइनल होते ही वर्ष 2021 में नये पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा. इन दोनों नदियों में पुल नहीं रहने के कारण फिलहाल 50 से अधिक गांव के ग्रामीणों को आने- जाने में काफी परेशानी होती है. बरसात के दिनों में दोनों नदी उफान पर रहती है. जलस्तर कम होने के बाद ही लोग सफर करते हैं. दोनों पुल ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल द्वारा बनवाया जायेगा.

बरांग नदी में बह चुके हैं कई लोग

बरांग गांव घाघरा प्रखंड में है. बरांग गांव जाने का रास्ता गुमला के कोटाम गांव से है. बरांग गांव से होकर बाकी नदी गुजरती है. जहां बरसात के दिनों में उफान रहता है. यह घोर उग्रवाद प्रभावित इलाका है. भाकपा माओवादी जेजेएमपी उग्रवादी इस क्षेत्र में आते-जाते रहते हैं. इस कारण आजादी के 73 साल बाद भी बरांग नदी में पुल नहीं बन पाया. पुल नहीं रहने के कारण बरसात के दिनों में कई लोग नदी में बहकर जान गंवा चुके हैं. यहां तक कि बीमार एवं गर्भवती लोगों को गुमला अस्पताल लाने में भी दिक्कत होती है. लंबे समय से लोग इस नदी में पुल बनाने की मांग करते रहे हैं.

वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले पुल बनाने का शिलान्यास हुआ था, लेकिन कुछ कारणों से उस समय पुल बनाने की प्रक्रिया रूक गयी. इधर, 2020 में पुल बनाने की पुन: प्रक्रिया शुरू हुई. उग्रवाद क्षेत्र होने के कारण पुल बनाने की लागत बढ़ गयी है. विभाग के अनुसार, नये साल में पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा. वहीं, चैरअंबा गांव से बहने वाले नदी में पुल नहीं रहने से कई गांव के लोग प्रभावित होते रहे हैं.

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बरांग गांव से गुजरने वाली नदी के ऊपर 3.5 करोड़ की राशि से पुल बनाया जा रहा है. वहीं, चैरअंबा पुल पर 4.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके लिए 30 दिसंबर, 2020 को टेंडर निकलेगा. बकायदा इन दोनों पुल निर्माण के लिए टेंडर की घोषणा कर दी गयी है.

उग्रवाद पर लगेगा अंकुश

बरांग गांव तक जाने के लिए पुल व सड़क नहीं है. जिस कारण नक्सली इस क्षेत्र में शरण लेते हैं. बरांग गांव में कई बड़ी घटनाएं घट चुकी है. अगर पुल बनता है, तो इस क्षेत्र में उग्रवादी घटना पर अंकुश लगेगा. पुलिस को आने- जाने के लिए रास्ता मिल जायेगा. उग्रवाद के कारण अभी जब पुलिस गांव जाती है, तो पूरी तैयारी के साथ गांव में प्रवेश करती है.

गांव के विकास के लिए पुल जरूरी : अमरेंद्र कुमार

विशेष प्रमंडल, गुमला के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र कुमार ने कहा कि बरांग व चैरअंबा गांव से बहने वाली नदी में पुल बनाने का रास्ता साफ है. टेंडर निकाल दिया गया है. टेंडर फाइनल होते ही नये साल 2021 में पुल बनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा. गांव के विकास के लिए ये दोनों पुल जरूरी है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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