Coolie: सुपरस्टार रजनीकांत की लेटेस्ट फिल्म ‘कुली’ सिनेमाघरों में जबरदस्त कमाई कर रही है और बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच रही है. लेकिन इस सफलता के बीच थलाइवा ने अपने संघर्ष के दिनों की एक ऐसी कहानी शेयर की, जिसने फैंस को इमोशनल कर दिया. उन्होंने बताया कि कैसे असल जिंदगी में वह ‘कुली’ रह चुके हैं.
“मेरे पिता ने मुझे बोरे ढोने का…”
रजनीकांत का जन्म शिवाजी राव गायकवाड़ के रूप में हुआ था. एक पुलिस कांस्टेबल पिता और हाउसवाइफ मां के बेटे रजनीकांत को बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. मां के निधन के बाद उन्होंने आश्रम में रहकर नाटकों में अभिनय शुरू किया. मगर घर की हालत देखकर उन्हें मजदूरी भी करनी पड़ी. उन्होंने कुछ समय तक बस कंडक्टर और फिर कुली का काम भी किया.
रजनीकांत ने एक इवेंट में बताया, “मेरे पिता ने मुझे बोरे ढोने का काम करने को कहा. मैंने ठेले पर तीन बोरे रखे और चला. जो रास्ता 500 मीटर का होना था, ट्रैफिक डायवर्जन के कारण 1.5 किलोमीटर लंबा हो गया. उन बोरियों को बैलेंस करना बहुत मुश्किल था. एक बार बैलेंस बिगड़ा और बोरी गिर गई. चारों तरफ से लोग चिल्लाने लगे.”
2 रुपये की टिप और टूटा दिल
उन्होंने आगे बताया, “जब काम पूरा हुआ तो पैसे मांगे. उस आदमी ने मुझे सिर्फ 2 रुपये दिए और कहा कि यह टिप है. आवाज पहचानी — वह मेरा कॉलेज दोस्त था, जिसे मैं अक्सर चिढ़ाता था. उसने ताना मारते हुए कहा – ‘अब देखो कहां पहुंच गए हो!’ तभी मैं उन बोरियों पर झुक गया और जिंदगी में पहली बार रो पड़ा.”
आज कुली से रच रहे इतिहास
लोकेश कनगराज के निर्देशन में बनी कुली में रजनीकांत के साथ नागार्जुन, श्रुति हासन और उपेंद्र जैसे सितारे हैं. फिल्म में आमिर खान का एक कैमियो भी है. यह फिल्म अब तक भारत में 194 करोड़ और वर्ल्डवाइड 300 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर चुकी है. संघर्ष की शुरुआत कुली से हुई थी और आज उसी किरदार से रजनीकांत बॉक्स ऑफिस पर नई कहानी लिख रहे हैं.

