Kangana Ranaut: दंगल फेम एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा की नई फिल्म ‘मिसेज’ ओटीटी पर स्ट्रीम हो गई है. इस फिल्म को दर्शकों से अलग-अलग रिस्पांस मिल रहा है. इस फिल्म की कहानी गृहस्त महिला रिचा (सान्या मल्होत्रा) की जिंदगी पर आधारित है कि कैसे शादी के बाद उसे अपने सपनों की कुर्बानी देकर घर-परिवार की जिम्मेद्दारी में घिर जाती ही. इसी बीच अब बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत की फिल्मों को लेकर प्रतिक्रिया एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सामने आई है. हालांकि, इसमें उन्होंने कहीं भी ‘मिसेज’ का जिक्र नहीं किया है. आइए बताते हैं कि उन्होंने इस पोस्ट में क्या कुछ लिखा है.
यहां देखें कंगना की पोस्ट-

‘पति से हर पैसे का हिसाब मांगते…’
कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “मैंने बचपन में ऐसी औरत कभी नहीं देखी जो अपने घर में राज न चलाती हो, सबको बताती हो कि कब खाना है, कब सोना है और कब बाहर जाना है. मैंने तो औरतों को अपने पति से हर पैसे का हिसाब मांगते हुए देखा है. झगड़ा तब होता है जब वह दोस्तों के साथ बाहर जाता है शराब पीता है. जब भी मेरे पापा हमें बाहर खाना खिलाने ले जाना चाहते थे, तो वह डांटती थीं क्योंकि हमारे लिए खाना बनाना उनकी खुशी थी. इस तरह, वो कई चीजें कंट्रोल कर सकती थीं, जिसमें खाने की सफाई और पौष्टिकता शामिल थी.”
बड़े-बुजुर्ग को लेकर क्या बोलीं कंगना?
कंगना ने आगे कहा, ‘घर के बड़े-बुजुर्ग उनके बच्चों के लिए दादा-दादी का काम करते थे और इमोशनली संभालते थे. घर की औरतें – दादी, मां, चाची हमारी असली रानियां हैं और हम उनके जैसा बनना चाहती हैं. हां, औरतों का अपमान हो सकता है, लेकिन हमें भारतीय परिवारों को गलत तरीके से दिखाना बंद करना चाहिए और बुजुर्गों को खराब नहीं कहना चाहिए. साथ ही, घर संभालने वाली औरतों की तुलना नौकरी करने वालों से करना बंद करें. शादी का मकसद ध्यान या पहचान पाना नहीं है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की सेवा करना है – खासकर बुजुर्ग और छोटे बच्चे, जो दूसरों पर निर्भर होते हैं. धार्मिक ग्रंथों का उदाहरण देते हुए, एक्ट्रेस ने कहा कि पहले के लोग अपने माता-पिता और बुजुर्गों की बिना सवाल किए देखभाल करते थे, बस अपने कर्तव्य निभाते हुए.’
‘नाम कमाने की कोशिश में अकेले रह जाओगे’
कंगना रनौत ने ‘मिसेज’ पर तंज कंसते हुए कहा, “बॉलीवुड की बहुत सी प्रेम कहानियों ने शादियों को गलत तरीके से दिखाया है. हमारे देश में शादियां हमेशा एक मकसद से होती थीं और वो मकसद धर्म था, जिसका मतलब कर्तव्य है. बस, अपना कर्तव्य निभाओ और आगे बढ़ो. जीवन बहुत छोटा है, अगर आप बहुत तारीफ या नाम कमाने की कोशिश करेंगे तो अकेले रह जाओगे.”
‘तलाक का समर्थन मत करो…’
कंगना ने लोगों को तलाक का सपोर्ट न करने पर कहा, “धार्मिक ग्रंथ कहते हैं कि किसी भी इंसान को किसी और शख्स से, सफलता से, पैसे से, शादी/अकेलेपन से या किसी और सांसारिक सुख से खुशी नहीं मिलती. उन्होंने कभी नहीं कहा कि ये चीजें इंसान को संतुष्ट कर सकती हैं, सच्ची खुशी भगवान से जुड़ने में है, अगर आप खुशी ढूंढ रहे हैं तो सही जगह देखो, बाकी हर जगह बस अपना कर्तव्य निभाओ, खुशी पाने की कोशिश मत करो, यकीन मानो वो वहां है ही नहीं, लेकिन छोटी सोच से शादी जैसी सामाजिक रीतियों को मत तोड़ो, हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे परिवार हैं, तलाक का समर्थन मत करो, नई पीढ़ी को बड़े-बुजुर्गों को छोड़ने या बच्चे न पालने के लिए प्रेरित मत करो.”