इस साल 2 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जायेगा. इस मौके पर लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति लेकर आयेंगे. हर साल कपूर खानदान आरके स्टूडियो में गणेश उत्सव का आयोजन करता था. लेकिन इस साल यहां ‘गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई नहीं देगी. 70 साल पहले इस ऐतिहासिक स्टूडियो में भीषण आग लग गयी थी और इसका एक बड़ा हिस्सा तबाह हो गया था. जिसके बाद घटती आमदनी, बढ़ते खर्च और रखरखाव में कठिनाई के चलते कपूर परिवार ने इसे बेच दिया था.
रणधीर कपूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिये एक इंटरव्यू में बताया,’ मेरे पिताजी राज कपूर ने आरके स्टूडियो में गणेश चतुर्थी मनाने की शुरूआत की थी. अब हमारे पास इतनी बड़ी जगह नहीं है कि हम यह भव्य आयोजन कर सकें.’
उन्होंने आगे कहा,’ पापा ने 70 साल पहले यह परंपरा शुरू की थी. वे गणेश जी को बहुत प्यार करते थे. मगर अब आरके स्टूडियो नहीं है तो कहां करेंगे सेलीब्रेशन. हम बप्पा को बहुत प्यार करते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम इस परंपरा को जारी रख पायेंगे.’
बता दें कि, आरके बैनर तले बनने वाली फिल्मों में बरसात, आग, आवारा, जिस देश में गंगा बहती है, मेरा नाम जोकर, बॉबी, राम तेरी गंगा मैली और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी यादगार फिल्में शामिल है. आरके बैनर तले बनने वाली आखिरी फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ थी जिसका निर्देशन ऋषि कपूर ने किया था. साल 1988 में राजकपूर के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र रणधीर ने स्टूडियो की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी.
बीते दिनों ही रीयल्टी कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज ने मुंबई के चेंबूर में स्थित ऐतिहासिक आर. के. स्टूडियो की जमीन खरीदने की शुक्रवार को घोषणा की थी. कंपनी इस जमीन पर मिश्रित इस्तेमाल की परियोजना विकसित करेगी. कंपनी ने कहा था, ‘‘2.20 एकड़ में फैली इस परियोजना से करीब 33 हजार वर्गमीटर बेचने योग्य क्षेत्र मिलेगा जिसमें आधुनिक लग्जरी अपार्टमेंट तथा लग्जरी खुदरा क्षेत्र शामिल होंगे.”