हिंदी सिनेमा में पंकज उधास एक ऐसे गजल गायक हैं जो हमेशा अपनी गायकी से लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. आज गायक अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के निकट जेटपुर में गुजराती जमींदार परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम केशुभाई उधास और माता का नाम जीतूबेन उधास था. उनके बड़े भाई मनहर उधास जाने-माने पार्श्वगायक हैं और उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी गज़ल गायक हैं. पंकज उधास ने कई सारी मधुर नगमें और गजलें गाईं.
पंकज उधास अब कम गाने गाते हैं और बहुत साधारण जीवन जीते हैं. पंकज खुद को फिट रखने के लिए रोजाना योगा और कसरत करते हैं. पंकज उधास को बचपन से ही संगीत से खासा लगाव था. जानें उनके बारे में ये दिलचस्प बातें…
7 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था…
घर में संगीत का माहौल पहले से था ऐसे में उनकी रुचि भी संगीत की ओर बढ़ी. उन्होंने सात साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. उन्होंने महेश भट्ट की फिल्म ‘नाम’ के गीत ‘चिट्ठी आई है…’ से खासा लोकप्रियता हासिल की थी. इसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए अपनी रूहानी आवाज दी. आज भी उनके गाये गाने लोगों को सुकून देते हैं.
51 रुपये मिले थे
शुरुआत में सिर्फ वे शौकिया तौर पर ही गाया करते थे लेकिन उनके इस टैलेंट को उनके भाई ने पहचान लिया और उन्हें इसी राह पर चलने के लिए प्रेरित किया. वे अक्सर अपने बड़े भाई के साथ संगीत कार्यक्रम में जाया करते थे. इस दौरान उन्हें एक कार्यक्रम में काम करने का मौका मिला, जहां उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया. पंकज की गायिकी से खुश होकर एक शख्स ने उन्हें सम्मान स्वरुप 51 रुपये दिये थे. यही उनकी पहली कमाई थी.
फरीदा से पहली नजर में हो गया था प्यार
पंकज उधास ने 70 के दशक में पहली बार एयरहोस्टेस फरीदा को देखा था और पहली ही नजर में उन्हें दिल दे बैठे थे. उस समय वे ग्रेजुएशन कर रहे थे और फरीदा एयरहोस्टेस थीं. दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों को एकदूजे का साथ भी अच्छा लगने लगा. इसी बीच पंकज के तीन एल्बम रिलीज हुए और वे गायकी की दुनिया में फेमस हो गये. इसके बाद पंकज ने फरीदा के पिता से उनका हाथ मांगा. पिता की रजामंदी के बाद दोनों ने शादी कर ली. दोनों की तीन बेटियां हैं नायब, रेवा और हसरीना.
दिल को छूती हैं ये गजलें
उनकी कई गजलें ‘चुपके चुपके रात दिन…’, ‘कुछ न कहो, कुछ भी न कहो…’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘घूंघट को मत खोल’, ‘कि गोरी घूंघरू टूट गये’, ‘ ‘वो बन संवर कर’, ‘पीने वालों सुनो’, ‘दिल देता है रो रो दुहाई’, ‘दिल जब से टूट गया’ और ‘न कजरें की धार न मोतियों के हार’ जैसी कई गीत आज भी लोगों की जुबान पर मौजूद हैं. उनकी ये नगमें आज भी दिलों को छूती है और लोग इसे आज भी सुनना बेहद पसंद करते हैं.
शाहरुख का है खास कनेक्शन
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और पंकज उधास के बीच एक खास कनेक्शन है. बात पुरानी है जब शाहरुख दिल्ली में रहते थे. शाहरुख ने खुलासा किया था कि उन्होंने पंकज उधास के कॉन्सर्ट से 50 रुपये कमाये थे. पंकज उधास का दिल्ली में एक कॉन्सर्ट हुआ था जिसमें शाहरुख ने वालंटियर का काम किया था. यहीं उन्होंने 50 रुपये कमाये थे. वे ताजमहल देखना चाहते थे इालिए ट्रेन पकड़ी और आगरा निकल गये.