दीपक अग्रवाल एक उभरते हुए म्यूजिक डायरेक्टर और गीतकार हैं. 4 नवंबर 1989 को फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) में जन्मे इस युवा संगीत निर्देशक ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक नया आयाम हासिल किया है और वे लगातार इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने 5 बॉलीवुड फिल्मों में एक म्यूजिक डायरेक्टर और 9 फिल्मों में एक संगीतकार के तौर पर काम किया है. आनेवाले दिनों में भी उनके पास कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं.
दीपक अग्रवाल पिछने 7-8 सालों से बॉलीवुड इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. उन्हें संगीत की कला विरासत में मिली क्योंकि उनके पिता एक कवि और लेखक थे. उन्होंने S.R.K कॉलेज फिरोजाबाद से 12वीं की पढ़ाई की और इंडस्ट्री में कदम रखा.
बॉलीवुड में इंट्री करने से पहले उन्होंने फिरोजाबाद में एक सेल्समैन के तौर पर 1 साल तक काम किया. इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और अपना पूरा समय लिखने में बिताया. एक गीतकार के तौर पर उन्हें पहला ब्रेक मिला साल 2013 की फिल्म ‘जिंदगी 50/50’ से. इस गाने को विवेक कर ने कंपोज किया था और बप्पी लाहिड़ी ने इसे अपनी आवाज दी.
इसके अलावा दीपक अग्रवाल ने ऊप्पस अ देसी (2013), तुम बड़े आशिक मिजाज़ (2016), खेल तो अब शुरू होगा (2016), एक कहानी जूली की (2016), जीना इसी का नाम है (2017), रक्तधार (2017) और तिशनगी (2018) जैसी कई फिल्मों के गीत लिखे.
एक म्यूजिक कंपोजर के तौर पर उन्होंने फिल्म ‘खेल तो अब शुरू होगा’ से शुरुआत की. इसके बाद दीपक अग्रवाल ने ‘एक कहानी जूली की’ (2016), जीना इसी का नाम है (2017) और रक्तधार (2017) का भी म्यूजिक कंपोज किया. उन्होंने फिल्म ‘जानें क्यो दे यारों’ के गाने ‘बारी बारी’ को लिखा भी और कंपोज भी किया.
उनके गानों को लोग पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कुणाल वी सिंह, केशव पनीरे, अजीत वर्मा और अक्षय आनंद जैसे कई निर्देशकों के साथ काम किया है.
उनके आनेवाले प्रोजेक्ट्स की बात करें तो वे आनेवाली फिल्म ‘डार्क लाईफ’ (2019), लव इन अ टैक्सी (2018) और सीक्रेट ऑफ सेल्फी (2018) जैसी फिल्मों में अपने म्यूजिक का जादू बिखरने वाले हैं.