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”पद्मावती” के विरोध में नितिन गडकरी, कहा- फिल्‍ममेकर्स सीमा में रहें

बॉलीवुड फिल्‍म ‘पद्मावती’ के विरोध में कई समुदाय सड़कों पर उतर आये हैं. कुछ दिनों पहले उमा भारती और सुब्रह्मण्यम स्वामी का बयान सामने आया था, अब इस मामले में एक और बड़े नेता का बयान सामने आया है. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बेहतर […]

बॉलीवुड फिल्‍म ‘पद्मावती’ के विरोध में कई समुदाय सड़कों पर उतर आये हैं. कुछ दिनों पहले उमा भारती और सुब्रह्मण्यम स्वामी का बयान सामने आया था, अब इस मामले में एक और बड़े नेता का बयान सामने आया है. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बेहतर होगा अगर फिल्‍ममेकर्स सीमा में रहें. उन्‍होंने यह भी कहा कि अभिव्‍यक्ति की आजादी मूलभूत अधिकार जरूर है लेकिन एक सीमा में रहे तो बेहतर है.

गडकरी ने यह भी कहा कि,’ फिल्‍ममेकर्स को सांस्‍कृतिक संवेदनशीलमा बनाये रखने की आवश्‍यकता है. फिल्‍म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. लोगों को फिल्‍म से नाराज होने का अधिकार है. बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता का बयान उस समय आया है जब देशभर में पद्मावती के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो रहा है.

तोड़फोड़ के शिकार सिनेमाघर के अधिकारी ने कहा, कोई आपत्तिजनक क्लिप नहीं दिखाई: कोटा में इस सप्ताह तोडफोड के शिकार सिनेमाघर ने न तो फिल्म ‘पद्मावती’ का प्रचार किया था और ना ही इसका कोई ट्रेलर या टीजर दिखाया था. इसके एक पदाधिकारी ने यह बात कही. पदाधिकारी ने ईमेल से भेजे बयान में कहा कि कोटा में सिनेमाघर में किसी भी तरह से प्रचार नहीं किया गया. इससे पहले, पुलिस ने कहा कि श्री राजपूत करणी सेना के करीब 50 कार्यकर्ताओं ने इस फिल्म का टीजर दिखाने के आरोपों पर सिनेमाघरों में तोडफोड की थी.

ब्रिटिश शासकों ने जब मान सम्मान को रौंदा था तो ये महाराजा भाग खडे हुए थे: पद्मावती फिल्म को लेकर मचे हंगामे के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने आज दावा किया कि आज जो ये तथाकथित जाबांज महाराजा एक फिल्मकार के पीछे पडे हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, यही महाराजा उस समय भाग खडे हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को रौंद दिया था. यहां एक समारोह में शशि थरुर से सवाल किया गया था कि उनकी किताब एन एरा आफ डार्कनेस : द ब्रिटिश एम्पायर इन इंडिया में पीडा का भाव क्यों है जबकि उनकी राय यह है कि भारतीयों ने अंग्रेजों का साथ दिया था.

पद्मावती की रिलीज से पहले समिति गठित करने की मांग: पद्मावती की रिलीज से पहले एक समिति गठित करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि फिल्म रिलीज होने से पहले समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फिल्म में रानी पद्मावती के संदर्भ में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ किसी तरह की छेडछाड नहीं की गई है. जनहित याचिका में मांग की गई है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को निर्देश दिया जाए कि वह सेंसर बोर्ड के सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ता और तीन ऐतहासिक विशेषज्ञों को लेकर एक समिति का गठन करे. अखंड राष्ट्रवादी पार्टी नामक दल की ओर से यह याचिका दायर की गई है.

IETDA ने राजनाथ सिंह को लिखा पत्र: इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) ने पद्मावती का शांतिपूर्ण रिलीज सुनिश्चित कराने की मांग करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. सिंह को भेजे पत्र में फिल्मकार और आईएफटीडीए के संयोजक अशोक पंडित ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सिनेमाघरों को ढहा देने तक की धमकी दी है. ऐसे में पद्मावती टीम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करायी जाए. उन्होंने पत्र में कहा है, भंसाली, उनके परिवार, पद्मावती फिल्म के कलाकार दल, तकनीशियनों को सुरक्षा मुहैया करायी जाए ताकि इस यूनिट को अलोकतांत्रिक लोगों के आक्रोश से बचाया जा सके। फिल्मी दल को समय से फिल्म रिलीज करने में मदद की जाए, किसी की घुसपैठ न हो.

जरुरत पडी तो सिनेमाघरों में सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी: महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री रंजीत पाटिल का कहना है कि पद्मावती के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की सुरक्षा का आकलन कर रही है और उनका कहना है कि अगर जरुरत पडी तो सिनेमाघरों को सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा. पाटिल ने कहा है, हमें राजपूत समुदाय की तरफ से संदेश मिला है. पूरे राज्य के विभिन्न स्थानों से इस समुदाय के विभिन्न लोगों ने आगे आकर अपनी मांगे रखी है. हम लोग जरुरी कदमों का आकलन कर रहे हैं.

राजपूत संगठन- पद्मावती को रिलीज नहीं होने देंगे: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को पत्र लिखकर पद्मावती फिल्म की रिलीज से शांति भंग की आशंका जताये जाने और पुलिस महानिदेशक के सभी जिला पुलिस प्रमुखों को सख्त निर्देश जारी किये जाने के बीच राजपूतों के एक संगठन ने आज कहा कि वह सूबे में इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने देगी. राजपूत शौर्य फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी राम मूर्ति सिंह ने कहा, हम पद्मावती फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे. यह फिल्म हमारे गौरवशाली इतिहास को विकृत करने का जाना-बूझा प्रयास है. पद्मावती फिल्म राजपूत अस्मिता पर सवाल उठाती है. हम इसे कतई बरदाश्त नहीं करेंगे.

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