विदेशों में बैठे भगौड़ों के प्रत्यर्पण के लिए मोदी सरकार की ओर से छेड़ी गई मुहिम का असर दिख रहा है. पाकिस्तान में छिपे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने साल 1997 में ‘कैसेट किंग’ गुलशन कुमार की हत्या में वांछित संगीतकार नदीम सैफी को कानूनी पचड़े से बचाने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है. टी-सिरीज़ म्यूजिक कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में अभियुक्त बनाए जाने के बाद से नदीम सैफी साल 2000 से ब्रिटेन में निर्वासन में रहे रहे हैं.
नदीम सैफी ने हमेशा खुद को निर्दोष बताते हुए यह कहा है कि उनका गुलशन कुमार हत्याकांड से किसी भी तरह का कोई जुड़ाव नहीं है. 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में गुलशन कुमार की हत्या में सह-संदिग्ध के तौर पर नदीम सैफी को नामजद किया गया था. बता दें गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर तीन हमलावरों ने 16 गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी.
एक निजी टीवी चैनल को मिले टेप में दाऊद को खुद को फोन पर भारत सरकार की मुहीम और नदीम को लेकर फिक्र जताते हुए सुना जा सकता है. चैनल के पास मौजूद टेप से कॉल इंटरसैप्ट्स से सबसे सनसनीखेज माने जाने वाले गुलशन कुमार हत्याकांड की तह तक जाने में मदद मिलती है. साल 2015 से ही रिकॉर्ड की जानेवाली बातचीत के इन टेप्स में दाऊद को चिंता जताते हुए सुना जा सकता है.
चैनल के मुताबिक बातचीत में कोडवर्ड्स का इस्तेमाल हुआ है. नदीम सैफी का हवाला देने के लिए ‘लंदन फ्रेंड’ और ‘उस्ताद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि इस कोडवर्ड वाली भाषा को डिकोड करने वाले खुफिया अधिकारियों ने ‘लंदन उस्ताद’ की पहचान नदीम सैफी के तौर पर ही की है.
वही यह टेप दाऊद की लोकेशन को लेकर सामने आया सबसे पुख्ता सबूत भी है. चैनल ने दावा किया है कि खुफिया सूत्रों ने पुष्टि की है ये कॉल इंटरसैप्ट्स उसे कराची में आईएसआई की ओर से मुहैया कराये गये महफूज ठिकाने से जुडे है. ये कॉल इंटरसैप्ट्स उन अटकलों को भी खारिज करते हैं जिसमें कहा जा रहा था कि दाऊद इब्राहिम गंभीर बिमारी के कारण मरणासन्न में हैं.
बता दें कि, नदीम सैफी अपने साथी श्रवण राठौर के साथ मिलकर नदीम-श्रवण के नाम से फ़िल्मों में संगीत देते थे. नदीम-श्रवण की जोड़ी को बॉलीवुड के काफ़ी सफल संगीतकार जोड़ी के तौर पर गिनी जाती थी. फिल्म ‘आशिकी’ में उनके रोमांटिक गानों की धुन बेहद लोकप्रिय हुईं और उसके साथ ही दोनों संगीत उद्योग के शीर्ष पर जा पहुंचे. लेकिन लेकिन 1997 में टी-सीरिज के प्रबंधक गुलशन कुमार की हत्या की साज़िश में नदीम सैफी का नाम जुड़ा.