TV Serial Jamuniya : भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे डिमांडिंग एक्ट्रेस में से एक रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) अब टीवी सीरियल ‘जमुनिया’ में मधुमती (Madhumati) का किरदार निभा रही हैं. रानी का कहना है कि यह कहानी एक सांवली लड़की जमुनिया की है, जिसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है, जब उसे अपनी आजादी की असली वजह का पता चलता है. दरअसल, बचपन में ही उसका भाग्य तय किया गया था, और उसे एक कोठे में बेचे जाने के लिए तैयार किया गया था. उसे प्यार और सुरक्षा देने वाले उसके मां-बाप अपनी बड़ी बेटी उज्जला के लिए सब कुछ कर रहे थे, जिसे एक सम्मानित परिवार की बहू बनाने की योजना बनाई जा रही थी.
लेकिन, किस्मत का खेल ऐसा होता है कि जमुनिया की शादी रतन व्यास से हो जाती है, जिसे उज्जला दिल से चाहती थी. इस प्रकार, दोनों बहनों की जिंदगी आपस में बदल जाती है. जो बहन घर की बहू बनने के लिए तैयार की गई थी, वह कोठे में चली जाती है, और जिसे बेचे जाने के लिए बड़ा किया गया था, वह व्यास परिवार की बहू बन जाती है. रानी सीरिअल में आलिया घोष और रजत वर्मा के साथ मुख्य भूमिका में हैं.
औरतों को सुंदरता और कमी के आधार पर किया जाता है जज
मधुमती का किरदार बहुत ही प्यारा और चुनौतीपूर्ण है, जो रानी को बेहद पसंद आया. प्रभात खबर से बातचीत में रानी ने बताया कि यह एक पॉवरफुल महिला का किरदार है, जो उन औरतों के लिए एक आवाज है जिन्हें अक्सर उनके शरीर, रंग या रूप के आधार पर जज किया जाता है. रानी ने कहा कि यह विषय बहुत ही अहम है, क्योंकि समाज में अक्सर महिलाओं को उनके रूप और शरीर के हिसाब से आंकलन किया जाता है.
भोजपुरी फिल्मों में कंटेंट का स्तर हुआ बेहतर
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Film Industry) में हाल के समय में बेहतर कंटेंट पर काम हो रहा है. रानी का कहना है कि अब कहानी पर मेहनत किया जा रहा है. सिर्फ एल्बम को फॉलो करके इंडस्ट्री को खराब कहना गलत होगा. उन्होंने कहा कि अब भोजपुरी फिल्मों में महिलाओं पर आधारित अच्छी कहानियां बन रही हैं, जिनमें अधिक सम्मानजनक और सशक्त भूमिकाएं हैं. वह खुद भी कई महिला-प्रधान फिल्मों में काम कर चुकी हैं, जिनके लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं. इस साल उनकी कई फिल्में रिलीज होने वाली हैं, जिनमें ‘मायके की टिकट कटा दी पिया’ और ‘प्रिया ब्यूटी पार्लर’ शामिल हैं. इसके अलावा ‘अम्मा’ व ‘चुगलखोर बहुरिया’ में भी उनके शानदार रोल होंगे.
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जैसा मिला है, उसी में खुश रहना चाहिए..
रानी चटर्जी ने कभी रंग-रूप के आधार पर किसी को जज नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे कभी भी काले या गोरे रंग के फर्क को लेकर भेदभाव नहीं करतीं, और न ही अपने आसपास ऐसा होने देती हैं. वह उन लड़कियों को आत्मविश्वास देने का प्रयास करती हैं, जो अपनी हाइट या रंग के बारे में दुखी रहती हैं. रानी का मानना है कि एक महिला जब दूसरी महिला को सशक्त और सुरक्षित महसूस कराती है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव आता है.
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किरदार के लिए मैं डायरेक्टर पर छोड़ देती हूं..
रानी चटर्जी किरदार के लिए अपनी तैयारी के बारे में कहती हैं कि वह खुद से कोई प्रैक्टिस नहीं करती. हमेशा डायरेक्टर की दिशा पर काम करती हूं. रानी का मानना है कि जब डायरेक्टर सेट पर किरदार के बारे में ब्रीफ करते हैं, तब वह उसी के अनुसार अपने अभिनय को ढालती हैं. उन्हें कभी भी किरदार के लिए तैयारी की जरूरत नहीं महसूस होती. क्योंकि, डायरेक्टर के मार्गदर्शन में उन्हें किरदार को बेहतर तरीके से निभाने का मौका मिलता है.