मेदिनीनगर : रंगमंच और फिल्मों की दुनिया अलग-अलग है. दोनों के तकनीनी पक्षों को समझने वाला ही सफल हो सकता है. ये बातें एनएसडी के रंगकर्मी और फिल्मों के जानेमाने अभिनेता निर्देशक इश्तेयाक खान ने कही. वे बंगाली पुस्तकालय में आयोजित सन्मान समारोह में बोल रहे थे.
मासूम आर्ट ग्रुप के द्वारा आयोजित इस सन्मान समारोह सह लघु कार्यशाला में इश्तेयाक खान के साथ-साथ बॉलीवुड निर्देशक अनिल दुबे व लेखक-अभिनेता आशीष शुक्ला को भी सन्मानित किया गया.
ज्ञात हो कि ये सारे कलाकार मुंबई से मेदिनीनगर अपने फिल्म की शूटिंग के लिए आये हुए हैं. मौके पर मासूम के कलाकार उज्जवल सिन्हा को भी इनके फिल्म में अच्छे प्रदर्शन के लिए सन्मानित किया गया.
मासूम के रंगकर्मियों को फिल्म और नाटक के बीच तकनीकी अंतर को समझाते हुए इश्तेयाक खान ने कहा कि रंगमंच पर हम जिस अभिनय को 1000 लोगों के लिए करते हैं, फिल्मों में उसी अभिनय को सिर्फ एक कैमरे के लिए करते हैं जो हमसे काफी नजदीक होता है, इसलिए नाटक के मद्देनजर फिल्मों का अभिनय थोड़ा नैचुरल होना चाहिए.
उन्होंने रंगमंच में संगीत के संयोजन पर भी प्रकाश डाला. निर्देशक अनिल दुबे ने भी मासूम के कलाकारों को कई बारीक पहलुओं की जानकारी दी. मासूम के अध्यक्ष विनोद पांडेय अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पलामू में जो भी फिल्म व नाटक का काम होगा, उसमें मासूम हरसंभव मदद करेगी.