Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा के लिए मतदान पूरा हो गया है. हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान गुजरात में नेताओं के कड़े बयानों को एक ओर जहां अपने समर्थकों की वाह-वाही मिली है. वहीं, विरोधी दल उनकी कटु आलोचना करते दिखे. लेकिन, ऐसे बयान अक्सर खबरों की सुर्खियां बनते रहे है. गुजरात में मतदाता 8 दिसंबर को विधानसभा के परिणाम आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ऐसे में नेताओं के बयानों पर नजर डालना रोचक होगा जो सुर्खियों में आये.
राहुल गांधी की दाढ़ी पर बयान बनी सुर्खियां
असम के सीएम हिमंत बिश्व शर्मा ने जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की दाढ़ी वाले नये लुक की तुलना इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन से कर दी, तो विपक्षी पार्टी ने उनकी जमकर आलोचना की. लेकिन, दूसरी ओर बीजेपी के हिन्दुत्ववादियों ने पूरे उत्साह से इस बयान का स्वागत किया. हिमंत शर्मा ने 23 नवंबर को अहमदाबाद में एक जनसभा में राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा था कि बेहतर होता अगर वह सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू या महात्मा गांधी जैसी वेशभूषा अपनाते.
श्रद्धा वालकर की हत्या बना चुनावी मुद्दा
वहीं, इस बयान से कुछ ही दिन पहले कच्छ में एक रैली के दौरान हिमंत बिश्व शर्मा ने दिल्ली में कथित लिव-इन-पार्टनर आफताब पूनावाला द्वारा श्रद्धा वालकर की हत्या किए जाने को लव जिहाद का मामला बताया था. दावा किया था कि अगर पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता नहीं हुए, तो आफताब पूनावाला जैसे लोग हर शहर में पनपेंगे और इसलिए सभी बीजेपी को वोट दें. आलोचकों ने भले ही इन कटाक्षपूर्ण और विवादित बयानों को लेकर शर्मा की कटु आलोचना की हो. लेकिन, इन बयानों ने चुनाव प्रचार के दौरान असम के इस नेता की मांग बढ़ा दी है और इन्हें पार्टी के हिन्दुत्व मामलों में ऊभरते सितारे के रूप में देखा जा रहा है.
आदित्यनाथ ने केजरीवाल को बताया था दिल्ली का नमूना
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 26 नवंबर को एक जनसभा में टिप्पणी की जिसके लिए उन्हें आलोचनाएं झेलनी पड़ीं. आदित्यनाथ ने केजरीवाल को दिल्ली का नमूना बताया था जो आतंकवादियों से हमदर्दी रखता है. वहीं, केजरीवाल ने तत्काल पलटवार करते हुए मतदाताओं से कहा कि अगर वे प्रताड़ताएं, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और गंदी राजनीति चाहते हैं तो बीजेपी को चुनें. लेकिन, अगर उन्हें स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी और सड़कें चाहिए तो वे उनका साथ दें और आप को चुनें.
अमित शाह ने कांग्रेस पर दंगाइयों का साथ देने का लगाया आरोप
खेड़ा जिले के महुधा कस्बे में 25 नवंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि 2002 में बीजेपी ने दंगाइयों को सबक सिखाया जिसके बाद से राज्य में स्थाई शांति है. हालांकि, उनके इस बयान की विरोधियों ने जमकर आलोचना की. अमित शाह ने तो कांग्रेस पर दंगाइयों का साथ देने का भी आरोप लगाया. गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाए जाने के बाद 2002 में दंगे भड़क गए थे.
खरगे का बयान सुर्खियां बना
वहीं, कांग्रेस के नेता भी ऐसे बयान देने में पीछे नहीं रहे और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी को 100 सिर वाला रावण बता दिया. इसे लेकर कांग्रेस नेता को बीजेपी का तीखा हमला झेलना पड़ा था. खरगे ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री लंकेश रावण की तरह 100 सिर वाले हैं कि वह लोगों से कहते हैं कि नगर निगम चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या फिर संसदीय चुनाव, हर जगह उनका चेहरा देखकर ही वोट डालें. बीजेपी ने आरोप लगाया कि खरगे ने हर गुजराती का अपमान किया है और कहा कि जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी. कांग्रेस के अन्य नेता मधुसूदन मिस्त्री ने यह दावा किया कि मोदी को उनकी औकात दिखायी जाएगी, जिससे वह बीजेपी की आलोचनाओं के निशाने पर आ गये.