Success Story of DSP Shipra Pandey: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की रहने वाली शिप्रा पांडेय ने यह साबित कर दिया कि अगर सपने बड़े हों और हिम्मत मजबूत हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती. उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई बल्कि प्रशासनिक सेवाओं में भी रैंक 1 हासिल कर नई मिसाल कायम की.
Success Story of DSP Shipra: फिजिक्स में मास्टर्स
शिप्रा ने फिजिक्स में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद नैनोटेक्नोलॉजी में पीएचडी की. इस दौरान उनकी शादी हो गई, लेकिन उन्होंने पढ़ाई का सिलसिला नहीं रोका. पीएचडी पूरा करने के बाद शिप्रा को विदेश में साइंटिस्ट के तौर पर नौकरी के अवसर मिले. हालांकि पति की नौकरी और पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया. यही फैसला आगे चलकर उनके जीवन की नई दिशा तय करने वाला साबित हुआ.
PCS करने का सपना
शिप्रा पांडेय ने जब बेटे को जन्म दिया तब उन्होंने जीवन में एक नया फैसला लिया. उन्होंने ठान लिया कि अब वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी PCS परीक्षा की तैयारी करेंगी. इस चुनौतीपूर्ण सफर में उनके पति ने हमेशा उनका साथ दिया. वह बताती हैं कि परिवार और बच्चे की जिम्मेदारी निभाना आसान नहीं था, लेकिन पति का समर्थन और खुद की लगन ने उन्हें लगातार प्रयासरत रखा.
शिप्रा ने नहीं हारी हिम्मत
शिप्रा का PCS का सफर आसान नहीं रहा. उन्होंने दो बार परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. कई बार हालात ऐसे बने कि हार मान लेना ही आसान रास्ता लगता था लेकिन शिप्रा ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने हर असफलता से सीख ली और अपनी तैयारी में सुधार किया. अंततः तीसरे प्रयास में उन्होंने शानदार सफलता हासिल की और DSP सेक्शन में रैंक 1 प्राप्त किया.
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