Jainendra Kumar MPPSC: अगर इरादे पक्के हो तो कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं सफलता जरूर मिलती है. ये बात MPPSC PCS 2023 में सफलता हासिल करने वाले जैनेंद्र कुमार निगम पर फिट बैठती है. जैनेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के भिंड जिले के छोटे से गांव से आते हैं. परिवार में चल रहे विवाद के कारण उन पर हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए गए और जेल भी जाना पड़ा. आर्थिक तंगी, गरीबी और कई तरह की परेशानियों से लड़कर उन्होंने आखिरकार परीक्षा में सफलता हासिल की है. आइए, जानते हैं जैनेंद्र कुमार की सफलता (Success Story) की कहानी.
पिता के अधूरे सपने को किया पूरा
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड जिले के डोंगरपुरा गांव से आते हैं. उन्होंने इतिहास में एमए किया है. MPPSC PCS क्रैक करने की प्रेरणा अपने पिता से मिली. उनके पिता भी PCS की तैयारी करते थे. लेकिन परिवार की जिम्मेदारी और अन्य परेशानियों के कारण उन्होंने अपने सपनों की कुर्बानी दे दी. वहीं अब बेटे ने MPPSC PCS में सफलता हासिल करके अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा किया है.

झूठे मुकदमे में जेल जाना पड़ा
जैनेंद्र की सफलता की कहानी आसान नहीं है. उनका ये सफर कई संघर्षों, मुश्किलें, तनाव और झूठे मुकदमों से होकर गुजरा है. पारिवारिक विवाद में झूठा आरोप लगाकर जैनेंद्र को 2019 में जेल भेजा गया. यही नहीं वर्ष 2020 में उनके घर और माता पिता पर हमला हुआ. इस साल उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा. वहां अन्य कैदियों के साथ रहकर भी जैनेंद्र ने खुद को टूटने ने दिया. उन्हें पता था कि उनका जीवन सिर्फ संघर्षों के लिए नहीं बना है. एक दिन उन्हें ‘सुख का सूरज’ भी देखने को मिलेगा.
पहले प्रयास में पाई सफलता
तमाम परेशानियों के बाद भी जैनेंद्र ने हार नहीं मानी और जेल से छूटने के बाद इंदौर जाकर MPPSC PCS परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. पहले प्रयास में वर्ष 2020 में उन्होंने परीक्षा पास की और नायब तहसीलदार का पद हासिल किया. लेकिन जैनेंद्र का सपना तो डीएसपी बनने का था. ऐसे में उन्होंने नौकरी ले ली और दोबारा तैयारी शुरू की.
ड्रिप लगाकर दी परीक्षा
2021 में नई ऊर्जा के साथ तैयारी शुरू तो की लेकिन इस बार अंतिम चरण में सेलेक्ट नहीं हुए. MPPSC 2022 में सहायक संचालक (स्कूल शिक्षा) पद पर हासिल किया. MPPSC 2023 की मुख्य परीक्षा के दौरान उन्हें मलेरिया और टाइफाइड हो गया. ड्रिप लगाकर परीक्षा में बैठे और आखिरकार सफल हो गए.
मां को दिया वचन पूरा किया
जब जैनेंद्र ने तैयारी के लिए अपना गांव छोड़ा था तब उन्होंने अपनी मां से वादा किया था कि अब वे डीएसपी बनकर ही लौटेंगे. आखिरकार जब रिजल्ट आया तो उन्होंने सबसे पहले अपने माता-पिता को फोन पर इसकी खबर दी. कॉल पर जब जैनेंद्र ने पिता से बताया, “पापा में DSP बन गया” तो उनके माता-पिता का गला रुंध गया और उनके आंखों में खुशी के आंसू आ गए.
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