PPO in Jobs Placement: काॅलेज प्लेसमेंट में जब कंपनियां स्टूडेंट्स को जाॅब ऑफर करती हैं तो पीपीओ (PPO) यानी प्री-प्लेसमेंट ऑफर सुनने को मिलता है. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (IIT) और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) व अन्य संस्थानों में जॉब प्लेसमेंट का अहम कड़ी पीपीओ होता है. अगर आप भी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के कोर्सेज के बाद जाॅब के प्रोसेस में पीपीओ (PPO in Jobs Placement) को समझना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें.
जाॅब प्लेसमेंट में क्या होता है पीपीओ? (PPO in Jobs Placement)
वर्तमान समय में जाॅब प्लेसमेंट के दौरान पीपीओ (PPO in Jobs Placement) का चलन है. पीपीओ का मतलब होता है जब कोई स्टूडेंट इंटर्नशिप के दौरान शानदार प्रदर्शन करता है तो कंपनियां उसे फाइनल प्लेसमेंट से पहले ही जाॅब ऑफर देती हैं और इसे ही PPO कहा जाता है. इसमें इंटरव्यू या टेस्ट की जरूरत नहीं होती. यह सिस्टम कंपनियों को टैलेंटेड कैंडिडेट्स जल्दी फाइनल करने का मौका देता है.
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किन कंपनियों से मिलते हैं PPO ऑफर? (PPO in Jobs Placement)
इंटर्नशिप के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को कई बड़ी कंपनियां प्री-प्लेसमेंट ऑफर (PPO) देती हैं. टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में Google, Microsoft, Amazon, Intel और TCS जैसी कंपनियां PPO ऑफर करती हैं. फाइनेंस सेक्टर की Goldman Sachs, J.P. Morgan और Morgan Stanley जैसी फर्में भी अच्छे इंटर्न को सीधी नौकरी का मौका देती हैं. McKinsey, BCG, Bain और Deloitte जैसी कंसल्टिंग कंपनियां भी IIT और IIM के छात्रों को PPO देती हैं. वहीं Flipkart, Paytm, Reliance और Adani जैसी भारतीय कंपनियाँ भी प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को नौकरी का ऑफर देती हैं.
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