Madhabi Buch: माधबी पुरी बुच का करियर उनकी उपलब्धियों और हालिया विवादों के कारण चर्चाओं से भरा रहा है. कभी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में जानी जाने वाली बुच अब शेयर बाजार में कथित हेरफेर के लिए एफआईआर का सामना कर रही हैं. आइये जानते हैं उनके करियर के बारे में और इसकी शुरुआत कहां से हुई.
DU से गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की
बुच का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ था, उनका परिवार उनके जीवन के शुरुआती दिनों में ही दिल्ली आ गया था और यहीं से उनकी शिक्षा शुरू हुई. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी लगन से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. बाद में उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद से एमबीए में मास्टर डिग्री प्राप्त करके अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया.
ICICI Bank से New Development Bank तक बुच का करियर सफर
बुच ने अपना करियर 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से शुरू किया, जहां उन्होंने निवेश बैंकिंग में विशेषज्ञता हासिल की. उनकी विशेषज्ञता और कुशल नेतृत्व ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने अंततः उन्हें आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त किया. आईसीआईसीआई के बाद, उन्होंने सिंगापुर में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में प्रमुख पदों पर काम किया और बाद में शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) में सलाहकार के रूप में काम किया.
Prabhat Khabar Premium Story: झारखंड में परीक्षाओं में धांधली को लेकर केंद्र से भी सख्त कानून, फिर भी थमने का नाम नहीं ले रहे पेपर लीक के मामले
Madhabi Buch: SEBI की पहली महिला अध्यक्ष बनीं
माधबी पुरी बुच भारत के बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं. सेबी के साथ उनका सफर अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति से बहुत पहले ही शुरू हो गया था. अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक, उन्होंने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य (डब्ल्यूटीएम) के रूप में कार्य किया, जिसमें निगरानी, म्यूचुअल फंड, सामूहिक निवेश योजनाएं और बाजार विनियमन जैसे प्रमुख पोर्टफोलियो का प्रबंधन किया. मार्च 2022 में, उन्हें अजय त्यागी की जगह सेबी अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उनका कार्यकाल हाल ही में 28 फरवरी को समाप्त हुआ और उनकी जगह तुहिन कांत पांडे को सेबी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
हालांकि, उनके कार्यकाल की समाप्ति के तुरंत बाद, मुंबई की एक अदालत ने कथित शेयर बाजार धोखाधड़ी और विनियामक उल्लंघनों के संबंध में बुच और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. इस घटनाक्रम ने बुच के करियर पर ग्रहण लगा दिया है. वह इनक्यूबेशन फर्म अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक-निदेशक भी हैं.