Jharkhand Schools: झारखंड में बिना मान्यता के चल रहे स्कूल अब अनिवार्य रूप से मान्यता प्राप्त करेंगे. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में संशोधन कर दिया है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. संशोधित नियमावली के तहत स्कूलों को मान्यता लेने के लिए पोर्टल में भी जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं. विभाग का कहना है कि इस महीने तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. अक्टूबर से स्कूल मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे.
हजारों स्कूल और लाखों बच्चे प्रभावित
पिछले वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 22,298 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं. इनमें करीब 24,34,238 बच्चे पढ़ते हैं और 1,58,990 शिक्षक कार्यरत हैं. इनमें सबसे अधिक स्कूल झारखंड में हैं. झारखंड में बिना मान्यता के 5,879 विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 8,37,879 बच्चे नामांकित हैं और 46,421 शिक्षक पढ़ा रहे हैं. इस स्थिति से स्पष्ट है कि नियमावली में संशोधन के बाद राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा.
केंद्र सरकार का निर्देश और कोर्ट की सुनवाई
केंद्र सरकार पहले ही राज्यों के सभी बिना मान्यता वाले स्कूलों को रजिस्ट्रेशन पूरा करने का निर्देश दे चुकी है. इसके तहत स्कूलों को 31 मार्च 2025 तक मान्यता लेने की समय-सीमा तय की गई थी. हालांकि, कुछ स्कूलों ने इस नियमावली को हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में चुनौती दी थी और सुनवाई जारी रहने का हवाला देते हुए आवेदन से छूट की मांग की थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने केवल इच्छुक स्कूलों से ही आवेदन लेने का निर्णय किया था. लेकिन अब संशोधित नियमावली के लागू होने के साथ ही सभी स्कूलों को मान्यता प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य हो गया है.
नियमावली में किये गए ये बदलाव
- स्कूलों को अब मान्यता के लिए आवेदन जमा करते समय कोई शुल्क नहीं देना होगा.
- स्कूलों की मान्यता को लेकर गठित कमेटी में सदस्यों की संख्या
क्या है विभाग का कहना?
वहीं प्रभात खबर अखबार के रांची एडिशन में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में संशोधन किया गया है. अब इसके अनुरूप आवेदन को लेकर तैयार पोर्टल में बदलाव किया जा रहा है. इस महीने पोर्टल में बदलाव हो जाएगा. इसके बाद अगले महीने से मान्यता के लिए आवेदन ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया जिला स्तर पर शुरू होगी.
केंद्र पहले ही राज्यों को पत्र लिख चुका है
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पहले ही इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिख चुका है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के तीन वर्ष तक स्कूलों को मान्यता ले लेनी थी. बिना मान्यता चल रहे स्कूलों पर 31 मार्च 2025 तक प्रावधान के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा गया था. राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के लगभग 14 वर्ष बाद भी राज्य में बिना मान्यता के स्कूल चल रहे हैं.
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