National Sports Day 2025 : हर साल 29 अगस्त को देश भर में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के सम्मान में भारत में मनाया जाने वाला यह दिन हमें जीवन में खेल गतिविधियों की अहमियत से रूबरू कराता है. भारत में खेल और खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन का एक गौरवशाली इतिहास है. राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 को खेल और फिटनेस के तीन दिवसीय ‘जन आंदोलन’ के रूप में मनाये जाने की तैयारी है.
जानें राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 की थीम
राष्ट्रीय खेल दिवस (एनएसडी) 2025 समारोह का नेतृत्व फिट इंडिया मिशन द्वारा किया जायेगा और इसे 29-31 अगस्त तक ‘एक घंटा, खेल के मैदान में’ थीम के तहत तीन दिवसीय, राष्ट्रव्यापी खेल, फिटनेस आंदोलन के रूप में आयोजित किया जायेगा. केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इस वर्ष के राष्ट्रीय खेल दिवस एक जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया है. इस पर अमल करते हुए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बड़े पैमाने पर विभिन्न खेल आयोजनों के माध्यम से राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की तैयारी कर रहे हैं.
जब पहली बार मनाया गया यह दिवस
भारत ने पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त, 2012 को मनाया. खेल दिवस के लिए खासतौर पर यह दिन चुना गया, क्योंकि इसी दिन हॉकी के जादूगर माने जानेवाले मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था. खेल दिवस मेजर ध्यानचंद के जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. वर्ष 2012 से राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाला यह दिन 2019 में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत का भी गवाह बना और तब से पूरे देश में एक व्यापक फिटनेस क्रांति का प्रतीक बन गया. इस अभियान का उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट शारीरिक गतिविधि के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है.
खेल भावना और फिटनेस के प्रति जागरुता है उद्देश्य
राष्ट्रीय खेल दिवस का मुख्य उद्देश्य खेलों के महत्व और दैनिक जीवन में शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. फिट इंडियन वेबसाइट के अनुसार इस दिवस का उद्देश्य खेलों के मूल्यों – अनुशासन, दृढ़ता, खेल भावना और टीम वर्क के बारे में जागरूकता बढ़ाना और आम जनता को खेलों को अपनाने और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. साथ ही फिट और स्वस्थ रहने के महत्व पर जोर देना है.
ऐसे बने मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर

‘हॉकी के जादूगर’ के नाम से मशहूर, भारत के महानतम हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, जो अब प्रयागराज है, में हुआ था. बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के बाद ध्यानचंद 1922 में एक सिपाही के रूप में भारतीय सेना में भर्ती हो गये. सेना में उन्हें मिले सूबेदार मेजर तिवारी, जो स्वयं एक खेल प्रेमी थे, उन्होंने ध्यानचंद को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया. ध्यानचंद ने उन्हीं की देखरेख में हॉकी खेलने की शुरुआत की. द्वितीय विश्व युद्ध से पहले के वर्षों में हॉकी पर अपना दबदबा बनाने वाली भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को लगातार तीन स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. ध्यानचंद की खेल में ऐसी महारत थी और गेंद पर उनका नियंत्रण इतना अद्भुत था कि उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ जैसी उपाधि मिली.
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