मयंक तिवारी, धनबाद : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देशभर के सभी विश्वविद्यालयों के लिए अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में अब अप्रेंटिसशिप को आवश्यक कर दिया गया है. इसके लिए यूजीसी ने अप्रेंटिसशिप की गाइडलाइन तैयार की है. शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसे लागू करना अब सभी विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार से जोड़ना है. इसमें छात्र-छात्राओं को उनकी फील्ड के अनुसार रोजगार के लिए ट्रेनिंग मिलेगी. बता दें कि तीन महीने की अप्रेटिसशिप के लिए छात्र-छात्राओं को उनके एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स में 10 अंक भी मिलेंगे.
तीन साल के यूजी कोर्स में एक से तीन सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप के लिए
यूजीसी द्वारा अप्रेंटिसशिप के लिए तैयार की गयी गाइडलाइ के अनुसार तीन साल के स्नातक कोर्सेज में एक से तीन सेमेस्टर और चार साल के स्नातक कार्यक्रमों में दो से चार सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप के लिए निर्धारित किये गये हैं.इंस्टीट्यूट, विद्यार्थियों और इंडस्ट्री के बीच होगा त्रिपक्षीय समझौत
बता दें कि इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों, विद्यार्थियों और संबंधित इंडस्ट्री के बीच त्रिपक्षीय समझौता होगा. इस समझौते में तीनों पक्षों की जिम्मेदारियां तय की जायेंगी.अप्रेटिसशिप की सीटें तय करने के लिए स्वतंत्र होगा शैक्षणिक संस्थान
बताते चलें की यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार उच्च शिक्षण संस्थानों को अप्रेंटिसशिप के लिए सीटों की संख्या तय करने का अधिकार दिया गया है. इसमें उच्च शिक्षण संस्थान इंडस्ट्री में मौजूद सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर अप्रेंटिसशिप के लिए सीटों की संख्या तय करेंगे.
इंडस्ट्री व केंद्र सरकार देगी स्टाइपेंड
बता दें कि इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को लेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा. इसके लिए केंद्र सरकार से स्टाइपेंड मिलेगा. वहीं इंडस्ट्री के साथ अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड प्रोग्राम (एइडीपी) ऑफर करने पर इडस्ट्री भी स्टाइपेंड देगी.
नौकरी मिली, या नहीं : फॉलोअप की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थान पर
गौरतलब है कि जब विद्यार्थियों की अप्रेंटिसशिप पूरी हो जायेगी, तो इसके बाद एक ट्रेनिंग रिपोर्ट तैयार की जायेगी. इसमें यह जानकारी देनी होगी कि अप्रेंटिसशिप के बाद विद्यार्थी को नौकरी मिली, या नहीं. इस फॉलोअप की जिम्मेदारी शैक्षणिक संस्थानों की होगी. फॉलोअप के लिए हर छात्र की मॉनिटरिंग की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है