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दलालों के मकड़जाल में फंसा दरभंगा मेडिकल कॉलेज, बिचौलिये बहला-फुसलाकर मरीजों को ले जाते हैं प्राइवेट अस्पताल

दरभंगा के डीएमसीएच में पिछले माह से सर्जरी विभाग का कार्यकलाप ठप है. लिहाजा सामान्य सर्जरी नहीं हो रही है. दूर- दराज से आये मरीज व परिजनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. आपातकालीन विभाग आने वाले मरीजों को बिचौलिये बहला-फुसलाकर पटना या निजी अस्पतालों में ले जाते हैं और कमीशन में खूब पैसा कमाते हैं. स्थिति की जानकारी डीएमसीएच प्रशासन को है, पर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. इससे विशेषकर गरीब मरीज व परिजनों को आर्थिक दोहन के साथ परेशानी हो रही है.

दरभंगा के डीएमसीएच में पिछले माह से सर्जरी विभाग का कार्यकलाप ठप है. लिहाजा सामान्य सर्जरी नहीं हो रही है. दूर- दराज से आये मरीज व परिजनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. आपातकालीन विभाग आने वाले मरीजों को बिचौलिये बहला-फुसलाकर पटना या निजी अस्पतालों में ले जाते हैं और कमीशन में खूब पैसा कमाते हैं. स्थिति की जानकारी डीएमसीएच प्रशासन को है, पर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. इससे विशेषकर गरीब मरीज व परिजनों को आर्थिक दोहन के साथ परेशानी हो रही है.

अस्पताल प्रशासन की ओर से इएनटी में 10 बेड को चिह्नित कर उसमें पूरे सर्जरी विभाग को चलाने का दावा किया जा रहा है. जबकि यह महज खानापुरी है. ओपीडी के यूरोलॉजी में सर्जरी आइसीयू शुरु करने का दिखावा किया जा रहा है. यहां चार बेड लगा दिये गये हैं. मालूम हो कि बिना ऑक्सीजन पाइप लाइन के सर्जरी आइसीयू को चालू करना संभव नहीं है. लिहाजा इस कमरे में भी ताला लटक रहा है.

विभाग बंद होने से वरीय चिकित्सक केवल हाजिरी बनाने के लिये विभागाध्यक्ष के कमरे में जाते हैं. उपस्थिति बनाने के बाद चिकित्सक अपने- अपने निजी क्लीनिक चले जाते हैं. जबकि सरकार चिकित्सकों के वेतन मद में लाखों रुपये प्रति माह खर्च कर रही है.

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पिछले माह मीडिया में जर्जर बिल्डिंग में सर्जरी आइसीयू को संचालित करने की खबर आने पर उसे तत्काल बंद कर दिया गया. बिल्डिंग में चल रहे क्रिटिकल केयर यूनिट को भी बंद कर दिया गया. वहां आपातकालीन विभाग से गये मरीजों को 24 घंटे के लिये चिकित्सकों के आवजर्वेशन में रखा जाता था. इसके बाद मरीज को संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता था. इसके बंद होने से परेशानी हो रही है. अस्पताल प्रशासन सर्जरी विभाग को दुबारा चालू करने के लिये भवन नहीं होने का रोना रो रहा है. निकट भविष्य में सर्जरी विभाग का शुरू होना मुश्किल बताया जा रहा है.

सर्जरी आइसीयू व वार्ड को लेकर नये जगह को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है. भवन के अभाव में समस्या हो रही है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से भी संपर्क किया गया है.

डॉ केएन मिश्रा, प्राचार्य डीएमसी

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar News Desk
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