यश राज फिल्म जिसने बॉलीवुड में कई शानदार फिल्मों का निर्माण किया है अब बदलते और बढ़ते तकनी के इस दौर में ओटीटी में भी निवेश कर रही है. इसके लिए यशराज ने बड़ी प्लानिंग की है और 500 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है. यशराज लंबे समय से ओटीटी पर रिसर्च कर रही है औऱ कैसे इस माध्यम में भी अपनी बादशाहत कायम की जाये इस पर विचार कर रही है. इस निवेश से यह साफ है कि देश में बदलते दौर का हिस्सा अब सभी बड़ी कंपनियां चाहती हैं.
फिल्म देखने का एक बड़ा माध्यम अब ओटीटी बन गया है. कोरोना संक्रमण के बाद कई फिल्में ओटीटी पर रिलीज की गयी हैं और इन्होंने अच्छा कारोबार किया. ओटीटी फिल्मों से हटकर अलग तरह की कहानियों को सामने रखने में सफल रहा. यही कारण है कि दर्शकों ने भी इसे हाथों हाथ लिया. यशराज ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” और ”रब ने बना दी जोड़ी” जैसी हिट फिल्मों के निर्देशक चोपड़ा का लक्ष्य वाईआरएफ के ओटीटी उद्यम के साथ डिजिटल कंटेंट बाजार को नया रूप देना है,
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जिसे वाईआरएफ एंटरटेनमेंट कहा जाएगा. फिल्मोद्योग के सूत्रों के अनुसार, ”आदित्य चोपड़ा भारत में डिजिटल कंटेंट के उत्पादन के स्तर को ऊपर उठाने में योगदान देना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि भारतीय कहानियों पर आधारित फिल्में वैश्विक मानकों से मेल खाये.
यह वह क्षण हो सकता है जो ओटीटी स्पेस को हमेशा के लिए बदल देगा. वाईआरएफ की बड़ी योजनाएं हैं और वे जल्द ही अपनी रणनीति तैयार करेंगे. सूत्र ने कहा कि 50 वर्षीय फिल्म निर्माता और उनका स्टूडियो पिछले दो वर्षों से ओटीटी उद्यम शुरू करने पर काम कर रहे हैं और उन्होंने पहले ही कई नयी परियोजनाएं शुरू कर दी हैं.
उन्होंने कहा, “जब वाईआरएफ कुछ नया शुरू करने का फैसला करता है, तो वह ऐसा बड़े पैमाने पर करता है, जो बेजोड़ होता है. उसने अपना नया उद्यम शुरू करने के लिए 500 करोड़ निर्धारित किए हैं। आदित्य चोपड़ा की योजनाएं अब फलीभूत हो रही हैं और यह शायद सबसे रोमांचक चीज है जो भारतीय ओटीटी क्षेत्र में हुई है.