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कौन हैं वह Fauji Wife जो बनी हैं सोशल मीडिया की सनसनी, कर रहीं मोटी कमाई!

Fauji Wife: फौजी पत्नियां अब केवल परिवार तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर नई पहचान बना रही हैं. गरिमा मेहता जैसी आर्मी ऑफिसर की पत्नी हेल्थ स्टार्टअप चला रही हैं, जबकि अमृता सोलंकी यूट्यूब स्टार बन गई हैं. करुणा चौधरी फैशन कंटेंट क्रिएटर हैं और सोनाली सिंह रावत राणा ने साड़ी ब्रांड खड़ा किया है. ब्रतति डे ने सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग कंपनी बनाई. एडब्ल्यूडब्ल्यूए भी डिजिटल ट्रेनिंग से पत्नियों को आत्मनिर्भर बना रहा है. यह बदलाव फौजी परिवारों के लिए नई संभावनाएं खोल रहा है.

Fauji Wife: गरिमा मेहता एक फौजी की पत्नी हैं, लेकिन सोशल मीडिया की सनसनी बनी हैं. वह अपने घर की चारदीवारियों के बीच अपने पति और बच्चों का काम करती हैं. आगंतुकों बड़े सलीके से स्वागत करती हैं. वह अपने इन कामों के वीडियो को सोशल मीडिया के प्रमुख मंच इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती हैं, जिससे सैकड़ों लोग लाइक करते हैं. केवल गरिमा मेहता ही नहीं, बल्कि कई फौजियों की पत्नियां डिजिटल के जमाने में सोशल मीडिया की सनसनी बनी हैं. उन्होंने सोशल मीडिया को एक प्रकार से अपना करियर बना लिया है और उससे अच्छी कमाई कर रही हैं.

सोशल मीडिया के जरिए हेल्थ स्टार्टअप चलाती हैं गरिमा मेहता

गरिमा मेहता के कई वीडियो एक आकर्षक टैगलाइन से शुरू होते हैं. इनमें “प्रिय डायरी, सरकारी घर में मेरा दिन.” भी शामिल है. एक आर्मी ऑफिसर की पत्नी होने के नाते वह अपने पति के लिए चाय बनाने, नाश्ते में चिया-नारियल का हलवा और सजावट के बारे में पोस्ट करती हैं. यह पेग एक गुप्त दुनिया की झलक तो है ही, साथ ही उनके हेल्थ स्टार्टअप के लिए एक व्यावसायिक रणनीति भी है. गरिमा मेहता उन आर्मी पत्नियों की बढ़ती संख्या का हिस्सा हैं, जो अपने ऑनलाइन जीवन को करियर और जुनून, दोनों में बदल रही हैं.

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट बनीं गरिमा मेहता

न्यूट्रिशन एक्सपर्ट और आर्मी ऑफिसर की पत्नी गरिमा मेहता आज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. उनके कई वीडियो इस आकर्षक टैगलाइन से शुरू होते हैं. इनमें “प्रिय डायरी, सरकारी घर में मेरा दिन” शामिल है. वह चाय बनाने से लेकर, हेल्दी रेसिपीज और घर सजाने तक के अनुभव शेयर करती हैं. यह कंटेंट न केवल लाखों लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि उनके हेल्थ स्टार्टअप को प्रमोट करने की रणनीति भी है. अक्टूबर 2024 में शुरू किया गया उनका पेज अब 32,000 से अधिक फॉलोअर्स तक पहुंच चुका है. उनकी कई रील्स को 5 लाख से अधिक व्यूज मिले हैं. ब्रोकली-बादाम रेमन से लेकर अमरूद की चाय तक उनके वीडियो हेल्दी लाइफस्टाइल की प्रेरणा बन रहे हैं. गरिमा मानती हैं कि यह पेज अभी भी उनका “जुनूनी प्रोजेक्ट” है, लेकिन उनके क्लाइंट्स तक पहुंचने और ब्रांड इमेज बनाने में सोशल मीडिया बड़ी भूमिका निभा रहा है.

अमृता सोलंकी : डीआईवाई पार्टी से यूट्यूब स्टार तक

अंग्रेजी की वेबसाइट द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में अमृता सोलंकी ने अपने बच्चे की जन्मदिन पार्टी के लिए ऑनलाइन आइडिया की तलाश कीं. जब उन्हें कोई मददगार कंटेंट नहीं मिला, तो उन्होंने खुद ही वीडियो बनाकर यूट्यूब पर पोस्ट किया. यहीं से उनकी यात्रा शुरू हुई. पूर्व लाइफ साइंसेज प्रोफेसर सोलंकी ने बीएड तो किया, लेकिन पढ़ाना उनका जुनून नहीं था. उन्होंने घर, पार्टी और ट्रैवल व्लॉग शेयर करना शुरू किया. उनकी 2023 की सरकारी घर वाली एक रील को 29 लाख व्यूज मिले. आज उनके यूट्यूब पर 42,000 से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. अमृता कहती हैं कि अगर वह लगातार पोस्ट कर पातीं, तो और अधिक कमाई कर सकती थीं, लेकिन मां होने की जिम्मेदारियों और फौजी जीवन के बीच संतुलन आसान नहीं होता.

करुणा चौधरी : वकील से डिजिटल क्रिएटर तक

करुणा चौधरी कभी कॉर्पोरेट वकील थीं, लेकिन उन्होंने अपने कॉलेज बॉयफ्रेंड (अब पति और आर्मी ऑफिसर) से शादी के बाद कंटेंट बनाना शुरू किया. वह पारंपरिक साड़ियों और एथनिक फैशन पर कंटेंट बनाती हैं. इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 48,000 फॉलोअर्स हैं. ब्रांड्स से सहयोग की बाढ़ ने उन्हें एक नया करियर दिया है. करुणा के लिए यह न केवल जुनून है, बल्कि पति की अनुपस्थिति में खुद को व्यस्त और क्रिएटिव बनाए रखने का जरिया भी है.

सोनाली सिंह रावत राणा : हाथ से बनी साड़ियों का बिजनेस

एनआईएफटी से पढ़ी-लिखी सोनाली सिंह रावत राणा की कहानी उद्यमिता की मिसाल है. दिवाली पर हाथ से पेंट की गई एक साड़ी से शुरू हुआ उनका प्रयोग अब “So.Si.Ra” नामक ब्रांड बन चुका है. उनके ब्रांड से हर महीने 25–30 साड़ियां बिकती हैं. कोरोना महामारी के दौरान इंस्टाग्राम पर उनकी साड़ियां वायरल हुईं. अब उनका लक्ष्य चंडीगढ़ में स्टोर खोलना है. राणा कहती हैं कि सेना का जीवन उन्हें योजना बनाने और संतुलन साधने में मदद करता है.

ब्रतति डे : शिष्टाचार से बना करियर

ब्रिगेडियर की पत्नी ब्रतति डे ने शिक्षिका की नौकरी छोड़कर 2016 में ‘Soul Coach’ नामक सॉफ्ट-स्किल ट्रेनिंग कंपनी शुरू की. अब तक 300 से अधिक वर्कशॉप्स आयोजित कर चुकी हैं. उनकी पांच लोगों की टीम दिल्ली, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु में काम कर रही है. लिंक्डइन और एसईओ का इस्तेमाल कर उन्होंने अपना ग्राहक आधार मजबूत किया. डे कहती हैं कि लचीलापन सेना की पत्नियों की सबसे बड़ी ताकत है और अब तकनीक ने इस लचीलापन को पेशेवर पहचान में बदलने का मौका दिया है.

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एडब्ल्यूडब्ल्यूए: हस्तशिल्प से डिजिटल ट्रेनिंग तक

आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) दशकों से मोमबत्ती, अचार और हस्तशिल्प के जरिए पत्नियों को रोजगार देती रही. लेकिन अब समय बदल चुका है. एडब्ल्यूडब्ल्यूए ने डिजिटल मार्केटिंग, रील बनाने और कंप्यूटर साक्षरता जैसी ट्रेनिंग शुरू कर दी है. अब जवानों की पत्नियां भी सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना रही हैं. ‘jawan_wife’ जैसे इंस्टाग्राम अकाउंट्स के हजारों फॉलोअर्स हैं. इससे फौजी परिवारों को अतिरिक्त आय और आत्मनिर्भरता दोनों मिल रही हैं.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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