Wheat MSP Hike: केंद्र सरकार ने किसानों को दशहरा और दिवाली से पहले बड़ी राहत देते हुए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 160 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में बुधवार को फसल विपणन सत्र 2026-27 के लिए गेहूं का नया एमएसपी 2,585 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. इससे पहले 2025-26 के लिए यह दर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल थी. इस हिसाब से किसानों को इस वर्ष 6.59% अधिक मूल्य मिलेगा.
कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने छह रबी फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी है. इनमें गेहूं सबसे प्रमुख है, जो देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय दोनों के लिए अहम भूमिका निभाता है.
रबी फसलों में गेहूं की अहमियत
गेहूं को रबी सत्र की मुख्य फसल माना जाता है. इसकी बुवाई अक्टूबर के अंत से शुरू होती है और मार्च से कटाई का काम होता है. गेहूं के अलावा रबी सत्र में ज्वार, जौ, चना और मसूर जैसी फसलें भी बोई जाती हैं. सरकार का कहना है कि रबी सत्र की फसलों के लिए एमएसपी तय करने में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों को आधार बनाया गया है.
विपणन सत्र और खरीद की प्रक्रिया
नए विपणन सत्र 2026-27 की शुरुआत अप्रैल से होगी. हालांकि, गेहूं की सरकारी खरीद आमतौर पर जून तक पूरी कर ली जाती है. एमएसपी बढ़ने से किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा, क्योंकि सरकार बड़ी मात्रा में गेहूं की खरीद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और खाद्य सुरक्षा योजनाओं के लिए करती है.
उत्पादन लक्ष्य और रिकॉर्ड
सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 11.9 करोड़ टन रखा है. यह लक्ष्य पिछले साल के रिकॉर्ड उत्पादन से थोड़ा अधिक है. 2024-25 में गेहूं का अनुमानित उत्पादन 11.75 करोड़ टन रहा, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है. सरकार को उम्मीद है कि बेहतर मौसम, समय पर बुवाई और एमएसपी में बढ़ोतरी से किसान अधिक पैदावार और बेहतर आमदनी हासिल करेंगे.
किसानों के लिए राहत और आर्थिक असर
त्योहारों से ठीक पहले लिया गया यह फैसला किसानों के लिए राहत भरा है. गेहूं के एमएसपी में बढ़ोतरी से न केवल किसानों की आय में इजाफा होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे किसानों का भरोसा बढ़ेगा और वे बुवाई के दौरान अधिक निवेश करेंगे. हालांकि, सरकार पर खाद्य अनाज की खरीद और भंडारण की लागत बढ़ने से वित्तीय दबाव भी पड़ेगा.
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किसानों के हित में बड़ा फैसला
सरकार का यह कदम किसानों के हित में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. गेहूं जैसे प्रमुख अनाज की एमएसपी बढ़ने से किसान परिवारों की आमदनी बढ़ेगी और त्योहारी सीजन में उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. यह निर्णय न केवल किसानों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में अहम साबित होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत बनाएगा.
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