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War on China: ईजमाईट्रिप के फाउंडर का दावा, मेकमाईट्रिप के बोर्ड सदस्यों का चीन से संबंध

War on China: ईजमाईट्रिप के फाउंडर निशांत पिट्टी ने मेकमाईट्रिप पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी के बोर्ड में आधे सदस्य चीन से जुड़े हैं और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. उन्होंने रक्षा बलों के डेटा लीक की आशंका भी जताई है.

War on China: ईजमाईट्रिप (EaseMyTrip) के सह-संस्थापक और चेयरमैन निशांत पिट्टी ने शुक्रवार को एक सनसनीखेज दावा किया कि मेकमाईट्रिप (MakeMyTrip) के निदेशक मंडल (Board of Directors) में आधे सदस्य चीन से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. उन्होंने यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के जरिए दिया.

चीनी प्रभाव में रणनीतिक समितियां: निशांत पिट्टी

ईजमाईट्रिप के निशांत पिट्टी ने आरोप लगाया कि मेकमाईट्रिप की चार प्रमुख रणनीतिक बोर्ड समितियों में से तीन का नेतृत्व या तो चीन से जुड़े लोगों द्वारा किया जा रहा है या उन पर उनका गंभीर प्रभाव है. उनके अनुसार, यह भारतीय डेटा और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत है.

मेकमाईट्रिप ने निशांत पिट्टी के आरोप को किया खारिज

समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेकमाईट्रिप ने निशांत पिट्टी के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन यह दोहराया कि वह एक भारतीय कंपनी है और भारत के सभी आवश्यक कानूनों और डेटा गोपनीयता ढांचे का पूरी तरह से पालन करती है.

ट्रिप डॉट कॉम और चीनी संबंध

निशांत पिट्टी के अनुसार, मेकमाईट्रिप के निदेशक मंडल में 10 में से 5 निदेशकों का चीन से सीधा संबंध है. इनमें से कई की नियुक्ति चीन की स्वामित्व वाली कंपनी ट्रिप डॉट कॉम द्वारा की गई है, जो पिट्टी के अनुसार, कंपनी में बंद दरवाजों के पीछे से नियंत्रण बना रही है.

ईजमाईट्रिप का दावा: राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में

निशांत पिट्टी ने यह भी दावा किया कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात हो, तब चुप रहना कोई विकल्प नहीं होता. उन्होंने मेकमाईट्रिप पर भारतीय सशस्त्र बलों की ट्रैवल डेटा तक चीन को अप्रत्यक्ष पहुंच देने का भी आरोप लगाया.

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डिफेंस डेटा लीक का बड़ा आरोप

इससे पहले, बुधवार को निशांत पिट्टी ने दावा किया था कि भारतीय सशस्त्र बल मेकमाईट्रिप जैसे चीनी स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से रियायती टिकट बुक करते हैं. इस प्रक्रिया में डिफेंस आईडी, रूट और तारीख जैसी संवेदनशील जानकारी दर्ज होती है, जिससे भारत के दुश्मनों को सैनिकों की मूवमेंट की जानकारी मिल सकती है.

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