IPO: शेयर बाजार में स्टॉक्स के जरिए मोटी कमाई करने का सुनहरा मौका आने वाला है. शेयर बाजार में जल्द ही 13 कंपनियों के आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर्स) आने वाले हैं. इन कंपनियों के आईपीओ को मार्केट रेग्युलेटर सेबी की ओर से मंजूरी मिल गई है. सेबी की ओर से जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि आईपीओ लाने की मंजूरी पाने वाली कंपनियों में जूनिपर ग्रीन एनर्जी, जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग, मौरी टेक, रावी इन्फ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स, पेस डिजिटेक, ओम्निटेक इंजीनियरिंग, कोरोना रेमेडीज, केएसएच इंटरनेशनल, ऑलकैम लाइफसाइंस, प्रॉयरिटी ज्वेल्स और ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स भी शामिल हैं. इन कंपनियों ने इस साल मार्च से जून के बीच अपने निर्गम के लिए सेबी के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए थे. इन कंपनियों को एक से 29 अगस्त के बीच सेबी से मंजूरी पत्र मिला है.
आईपीओ से 15,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य
मर्चेंट बैंकर का कहना है कि इन 13 कंपनियों के आईपीओ से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाने की उम्मीद है. इन पैसों का इस्तेमाल कंपनियों के विस्तार, कर्ज अदायगी और मौजूदा शेयरधारकों को निकासी अवसर उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा.
क्या है कंपनियों की योजनाएं
- घरेलू देखभाल एवं सौंदर्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली अर्बन कंपनी की आईपीओ के जरिये करीब 1,900 करोड़ रुपये और इमेजिन मार्केटिंग की लगभग 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी जूनिपर ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य 3,000 करोड़ रुपये और जैन रिसोर्स रिसाइक्लिंग का लक्ष्य 2,000 करोड़ रुपये जुटाने का है.
- मौरी टेक की भी आईपीओ के जरिये 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
- कंस्ट्रक्शन कंपनी रावी इन्फ्राबिल्ड की 1,100 करोड़ रुपये और पेस डिजिटेक की 900 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
- ओम्निटेक इंजीनियरिंग की 850 करोड़ रुपये, कोरोना रेमेडीज की 800 करोड़ रुपये और केएसएच इंटरनेशनल की 745 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
आईपीओ लाने की तैयारी में कई कंपनियां
इनके अलावा, ऑलकेम लाइफसाइंस, प्रॉयरिटी ज्वेल्स, ओम फ्रेट फारवर्डर्स भी अपने आईपीओ लाने की तैयारी में हैं. इन सभी कंपनियों के शेयर बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध किए जाएंगे.
क्या होता है आईपीओ
आईपीओ का मतलब है, जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता (निवेशकों) को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचती है. इससे पहले कंपनी प्राइवेट निवेशकों (जैसे संस्थापक, वेंचर कैपिटल, या बड़े निवेशक) के पास रहती है.
कैसे होती है कंपनी की कमाई
- फंड जुटाना: कंपनी आईपीओ के जरिए बाजार से पैसा जुटाती है, ताकि वह बिजनेस विस्तार, कर्ज चुकाने या नई परियोजनाओं में निवेश कर सके.
- प्राइमरी शेयर सेल: जब कंपनी नए शेयर जारी करती है और उन्हें निवेशकों को बेचती है, तो उस बिक्री से मिलने वाला पैसा कंपनी के खाते में जाता है.
- ब्रांड वैल्यू बढ़ना: लिस्टिंग के बाद कंपनी की पहचान और भरोसा बढ़ता है, जिससे भविष्य में और फंड जुटाना आसान हो जाता है.
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निवेशकों की कैसे होती है कमाई
- लिस्टिंग गेन: आईपीओ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर शेयर लिस्टिंग प्राइस से ऊंचे दाम पर खुलता है, तो निवेशक को तुरंत मुनाफा मिलता है.
- लॉन्ग टर्म गेन: अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयर की कीमत समय के साथ बढ़ती है और निवेशक को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है.
- डिविडेंड: कुछ कंपनियां मुनाफे का हिस्सा शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में भी देती हैं.
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