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ट्रंप ने फिर उगली आग! बोले- जब तक रूस से कच्चा तेल खरीदता रहेगा भारत, लादता रहूंगा टैरिफ

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा, तो अमेरिका टैरिफ जारी रखेगा. हालांकि, भारत की विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हालिया कॉल में ऊर्जा या तेल पर कोई चर्चा नहीं हुई. भारत ने रुख स्पष्ट किया कि उसकी एनर्जी सोर्सिंग नीति राष्ट्रीय हित और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर आधारित है. वैश्विक दबावों और टैरिफ की धमकियों के बावजूद भारत अपनी ऊर्जा रणनीति में स्वतंत्र और निर्णय केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएगा.

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के खिलाफ आग उगली है. उन्होंने कहा कि जब तक भारत रूस से कच्चा तेल खरीदेगा, तब तक अमेरिका टैरिफ लगाएगा. यह टिप्पणी ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर प्रेस से बातचीत के दौरान की. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का रुख अगर ऐसा रहता है, तो अमेरिकी टैरिफ लगातार जारी रहेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने तेल पर नहीं की कोई बात

ट्रंप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत के बारे में पूछा गया. उन्होंने कहा कि अगर मोदी ने रूस के तेल पर कोई बात नहीं की है, तो टैरिफ की संभावना बनी रहेगी. हालांकि, भारत की विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया स्पष्ट रही. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच हाल ही में कोई तेल या ऊर्जा संबंधी फोन कॉल नहीं हुई.

गाजा शांति योजना पर मोदी ने ट्रंप से की थी बात

रणधीर जायसवाल ने बताया कि 9 अक्टूबर 2025 को हुई कॉल में मुख्य विषय गाजा शांति योजना की सफलता पर बधाई और व्यापारिक बातचीत में हुई प्रगति थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कॉल में रूस से तेल खरीदने या टैरिफ पर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने मीडिया से अपील की कि बयान को ध्यान से देखा जाए और भारत का रुख पहले घोषित नीति के अनुसार ही है.

रूस के साथ ऊर्जा संबंध घटा रहे पश्चिमी देश

ट्रंप का यह बयान उस वैश्विक दबाव के संदर्भ में आया है, जिसे पश्चिमी देश रूस के साथ ऊर्जा संबंध कम करने के लिए लगा रहे हैं. पश्चिमी देशों का दावा है कि रूस के साथ व्यापार से मॉस्को के सैन्य अभियान को बढ़ावा मिल रहा है. भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी एनर्जी सोर्सिंग नीति राष्ट्रीय हित और नागरिकों की सुरक्षा पर आधारित है.

भारत की नीति और राष्ट्रीय हित

भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उसकी ऊर्जा जरूरतें और रणनीति किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होंगी. देश की ऊर्जा सुरक्षा, स्थिर कीमत और घरेलू मांग को पूरा करना ही प्राथमिकता है. इस नीति का मतलब है कि भारत अपनी आवश्यकताओं के अनुसार रूस से तेल खरीद सकता है.

ट्रंप के टैरिफ की संभावना और प्रभाव

ट्रंप की टिप्पणियों से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका भारत पर टैरिफ का दबाव बना सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय आयातकों और ऊर्जा क्षेत्र पर अस्थायी दबाव पड़ सकता है. लेकिन भारत ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वह राष्ट्रीय हितों के खिलाफ किसी निर्णय पर प्रभाव नहीं डालेगा.

मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

भारतीय मीडिया और विश्लेषकों ने इस बयान को ध्यान से देखा. कई विशेषज्ञों ने कहा कि यह बयान राजनीतिक तौर पर चुनावी और अंतरराष्ट्रीय दबाव का हिस्सा है. भारत ने अपनी नीति स्पष्ट की है कि ऊर्जा सोर्सिंग वैश्विक दबावों से स्वतंत्र होगी.

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भारत की स्पष्ट ऊर्जा नीति

ट्रंप की टिप्पणियों के बावजूद भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल की खरीद पर निर्णय पूरी तरह भारतीय नीति और उपभोक्ता हित के अनुसार होगा. पड़ताल और स्पष्टता के साथ यह मामला दिखाता है कि भारत अपनी ऊर्जा रणनीति में स्वतंत्र और निर्णय केंद्रित दृष्टिकोण अपनाता है. वैश्विक दबावों और टैरिफ की धमकियों के बावजूद भारत की प्राथमिकता राष्ट्रीय हित, स्थिरता और नागरिक सुरक्षा है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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