नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के इस दौर में गिरती अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को उबारने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) लगातार प्रयास कर रही है. कोरोना काल में सरकार ने अभी तक दो राहत पैकेज की घोषणा की है. वहीं दीवाली से पहले केंद्र सरकार तीसरे राहत पैकेज (3rd Stimulus Package) की घोषणा कर सकती है. पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी इसके संकेत दिये हैं. तीसरे राहत पैकेज में सरकार का जोर रोजगार पर होगा.
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार इस बार कंपनियों में निवेश करने की योजना बना रही है. इस बार सरकार शहरी रोजगार योजनाओं में सीधे पैसा नहीं लगायेगी. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार उन इंडस्ट्रीज के लिए राहत पैकेज जारी कर सकती है, जिनपर कोरोना काल में सबसे ज्यादा आर्थिक मार पड़ी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दे सकती है.
जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार टूरिज्म इंडस्ट्रीज में सीधे निवेश कर सकती है. ज्यादातर सेक्टरों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स के तहत प्रोत्साहन दिया जा सकता है. केंद सरकार ने कोरोना काल में सबसे पहले मार्च 2020 में पहले आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज दिये गये थे. दूसरी बार सरकार ने मई 2020 में 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी महीने के 19 तारीख को कहा था कि सरकार ने अर्थव्यवस्था पर कोविड- 19 महामारी के प्रभाव और इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में संभावित गिरावट का आकलन करना शुरू किया है. वित्त मंत्री ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक और प्रोत्साहन की खुराक दिये जाने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया.
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एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा था, ‘मैंने प्रोत्साहन की एक और खुराक के विकल्प को बंद नहीं किया है… हर समय जब हमने एक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है, वह काफी विचार विमर्श और सोच विचार के बाद जारी किया गया… मैंने एक और प्रोत्साहन पैकेज के विकल्प को बंद नहीं किया है.’ उन्होंने कहा, ‘शायद किसी समय हमें इस बारे में वक्तव्य जारी करना होगा. फिर चाहे इसे में सार्वजनिक रूप से कहूं या फिर संसद में कहूं एक अलग बात है. लेकिन वित्त मंत्रालय को इस बारे में आकलन करना होगा कि क्या होने जा रहा है.’
सीतारमण ने त्योहारों के व्यस्त मौसम की शुरुआत से पहले सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी के बदले नकद वाउचर देने और 10,000 रुपये का त्योहारी अग्रिम उपलब्ध कराने की घोषणा की. ये उपाय अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग बढ़ाने को ध्यान में रखते हुये किये गये. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने वर्ष के दौरान अतिरिक्त पूंजी व्यय करने, राज्यों को 50 साल के लिये 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने की भी घोषणा की. इन उपायों से कुल मिलाकर 28,000 करोड़ रुपये की मांग निकलने की उम्मीद है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By: Amlesh Nandan.