Swiggy Share Price: मंगलवार को स्विगी (Swiggy) के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कंपनी के शेयर 7% से अधिक टूटकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर ₹297 प्रति शेयर पर पहुंच गए. यह गिरावट भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम के बीच तब देखने को मिली जब कंपनी के प्री-IPO निवेशकों की लॉक-इन अवधि सोमवार को समाप्त हो गई.
क्या है लॉक-इन अवधि का मामला?
स्विगी के गैर-प्रवर्तक (non-promoter) प्री-IPO शेयरधारकों के लिए छह महीने की लॉक-इन अवधि 12 मई 2025 को समाप्त हो गई थी. इसके साथ ही करीब 189.75 करोड़ शेयर, जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का लगभग 83% हैं, अब बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो गए हैं. इन शेयरों का कुल मूल्य करीब ₹62,000 करोड़ आंका गया है.
भारी ट्रेडिंग, निवेशकों की बेचैनी
मंगलवार को ट्रेडिंग सेशन में स्विगी के करीब 4 करोड़ शेयरों की खरीद-बिक्री हुई, जो कि पिछले एक हफ्ते के औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 1 करोड़ शेयर से चार गुना अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि लॉक-इन अवधि खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि सभी निवेशक तुरंत अपने शेयर बेच देंगे, बल्कि इसका अर्थ है कि अब वे अपने शेयरों को सेकेंडरी मार्केट में बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.
विश्लेषकों की राय
JM फाइनेंशियल ने पिछले महीने एक नोट में कहा था, “कुछ निवेशकों ने प्री-IPO और IPO के दौरान आंशिक हिस्सेदारी जरूर बेची थी, लेकिन अब भी कई निवेशक ऐसे हैं जिनके पास अच्छा-खासा अप्राप्त लाभ (unrealised gain) है. हमें लगता है कि इनमें से कुछ निवेशक अब अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहेंगे, भले ही स्विगी का शेयर अभी भी अपने IPO प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहा हो.” JM फाइनेंशियल के अनुसार, निकट भविष्य में स्विगी के बड़े हिस्से के शेयर बाजार में ट्रेड हो सकते हैं.
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