22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Sulakshana Pandit Net Worth: सिर्फ सुरों की मल्लिका ही नहीं थीं सुलक्षणा पंडित, अपने पीछे छोड़ गईं करोड़ों की संपत्ति

Sulakshana Pandit Net Worth: भारतीय सिनेमा की दिग्गज गायिका और अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित का 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया. लता मंगेशकर संग बाल गायिका के रूप में शुरुआत कर उन्होंने 1970 के दशक में अभिनय से भी पहचान बनाई. जीवनभर अविवाहित रहीं और संघर्षों के बावजूद सादगीपूर्ण जीवन जिया. 2025 में उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 5–10 करोड़ रुपये रही. उनकी आवाज और धुनें आज भी अमर हैं, जो सच्ची कला और समर्पण की मिसाल बन गईं.

Sulakshana Pandit Net Worth: 6 नवंबर 2025 को भारतीय सिनेमा और संगीत जगत ने उस सुरमयी सितारे को खो दिया, जिसकी आवाज ने पीढ़ियों को भावविभोर किया. 71 वर्ष की उम्र में सुलक्षणा पंडित का हृदय गति रुकने से निधन हो गया. उन्होंने अपने करियर में जितनी शोहरत पाई, उतना ही संघर्ष भी झेला. लेकिन जीवन के हर उतार-चढ़ाव के बावजूद उन्होंने अपनी पहचान और सम्मान को बरकरार रखा. आज जब लोग उनके गीतों को याद कर रहे हैं, तब यह सवाल भी चर्चा में है कि सुलक्षणा पंडित की कुल संपत्ति कितनी थी? आइए, उनकी संपत्ति के बारे में जानते हैं.

सुलक्षणा पंडित को विरासत में मिला था संगीत

12 जुलाई 1954 को रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में जन्मी सुलक्षणा पंडित का संबंध हरियाणा के हिसार जिले के पीलीमंदोरी गांव से था. उनके पिता प्रताप नारायण पंडित प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे, जबकि चाचा पंडित जसराज मेवाती घराने की धरोहर थे. सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी सुलक्षणा पंडित ने बचपन से ही घर की जिम्मेदारी संभाली. पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने नौ वर्ष की उम्र में परिवार का सहारा बनने के लिए गायन शुरू किया. इसी संकल्प ने उन्हें बॉलीवुड तक पहुंचाया.

सुलक्षणा पंडित का बाल गायिका से अभिनेत्री तक का सफर

सुलक्षणा पंडित ने महज नौ साल की उम्र में लता मंगेशकर के साथ तकदीर (1967) में “सात समुंदर पार से” गाया, जिसने उन्हें पहचान दिलाई. आगे चलकर उन्होंने किशोर कुमार और मोहम्मद रफी के साथ अनेक मंचों पर प्रस्तुति दी. 1970 के दशक में उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा और उलझन (1975) में संजीव कुमार के साथ मुख्य भूमिका निभाई. हेराफेरी, अपनापन, वक्त की दीवार और खानदान जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को सराहा गया. गायिका के रूप में संकल्प (1975) के “तू ही सागर है तू ही किनारा” ने उन्हें फिल्मफ़ेयर पुरस्कार दिलाया. उनके सुरों ने श्रोताओं के दिलों में स्थायी जगह बना ली.

सुलक्षणा पंडित की प्रेम, संघर्ष और साहस की कहानी

सुलक्षणा पंडित का निजी जीवन उनके गीतों जितना ही भावनात्मक था. उन्होंने कभी शादी नहीं की, क्योंकि उनका हृदय अभिनेता संजीव कुमार के प्रति समर्पित था. लेकिन, यह प्रेम अधूरा रह गया. 1980 के दशक में जब फिल्मी प्रस्ताव कम हुए, तो उन्हें आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उन्होंने जीवन के अंतिम वर्षों में मुंबई के एक छोटे फ्लैट में सादगीपूर्ण जीवन बिताना शुरू कर दिया.

सुलक्षणा पंडित की कुल संपत्ति

फोर्ब्स और बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में सुलक्षणा पंडित की अनुमानित कुल संपत्ति 5–10 करोड़ रुपये (करीब 600,000–1.2 मिलियन डॉलर) थी. उनकी आय का मुख्य स्रोत रॉयल्टी, किराये की संपत्ति और पुराने फिल्मों से मिलने वाली कमाई थी. उनके तीन मुंबई फ्लैट किराये पर दिए गए थे, जिनसे उन्हें नियमित आमदनी होती थी. उन्होंने कभी भव्य जीवन नहीं जिया, बल्कि गरिमा के साथ सादगी में जीवन व्यतीत किया.

इसे भी पढ़ें: Grow IPO: सिर्फ 1 घंटे में पूरी तरह हो गया सब्सक्राइब ग्रो का आईपीओ, 12 नवंबर को होगी लिस्टिंग

एक विरासत जो अमर रहेगी

सुलक्षणा पंडित का जीवन सिर्फ गीतों और पैसों का नहीं, बल्कि साहस, संवेदना और समर्पण का प्रतीक था. उनकी आवाज आने वाले वर्षों तक संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजती रहेगी. उन्होंने भले ही सीमित संपत्ति छोड़ी हो, लेकिन उनकी असली विरासत वे अनमोल धुनें हैं, जो अमर हो चुकी हैं.

इसे भी पढ़ें: SIP Investment Tips: एसआईपी से करना है धुआंधार कमाई, तो टॉप के इन म्यूचुअल फंड्स में लगा सकते हैं दांव

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel