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एसआईपी से करना है धुआंधार कमाई, तो टॉप के इन म्यूचुअल फंड्स में लगा सकते हैं दांव

SIP Investment Tips: अगर आप एसआईपी से धुआंधार कमाई करना चाहते हैं, तो 2025 के लिए टॉप 9 म्यूचुअल फंड्स आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं. इनमें क्वांट एक्टिव फंड, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप और मिराए लार्ज एंड मिड-कैप फंड जैसे योजनाएं शामिल हैं, जो स्थिरता और ग्रोथ दोनों का संतुलन देती हैं. एसआईपी के जरिए नियमित निवेश, कंपाउंडिंग लाभ और दीर्घकालिक अनुशासन से निवेशक मोटा रिटर्न कमा सकते हैं.

SIP Investment Tips: क्या आप एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए धुआंधार कमाई करना चाहते हैं? अगर हां, तो आपको ऐसे म्यूचुअल फंड को चुनना होगा, जो मोटी कमाई करा सकें. इसके लिए आपको मार्केट में रिसर्च करना होगा या फिर किसी विशेषज्ञ से राय-मशविरा करना होगा. कुछ ब्रोकरेज फर्म्स भी बंपर रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड्स को रिकमेंड करते हैं. ब्रोकरेज फर्म एसबीआई सिक्योरिटीज की मानें, तो देश में टॉप के 9 ऐसे म्यूचुअल फंड हैं, जो निवेशकों को एसआईपी के जरिए बंपर रिटर्न देने में अहम भूमिका निभाते हैं. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

निवेश का लोकप्रिय विकल्प है एसआईपी

एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) आज के समय में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक बन चुकी है. यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाते हुए लंबी अवधि में मोटी कमाई करने का मौका देती है.

SIP Investment Tips: एसआईपी क्या है?

एसआईपी म्यूचुअल फंड में नियमित और अनुशासित निवेश का तरीका है. इसमें निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, जो लंबी अवधि में कंपाउंडिंग के ज़रिए बड़े रिटर्न देती है. उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने 5,000 रुपये से एसआईपी की शुरुआत करते हैं और औसतन 14% वार्षिक रिटर्न मानें, तो 10 साल बाद 6 लाख रुपये के निवेश पर 12.46 लाख रुपये, 20 साल बाद 12 लाख रुपये के निवेश पर 58.67 लाख रुपये और 30 साल बाद 18 लाख निवेश पर 2.29 करोड़ रुपये बनते हैं. इससे साफ है कि एसआईपी में “टाइम” सबसे बड़ा फैक्टर है. जितना लंबा निवेश होगा, उतनी ज्यादा कमाई होगी.

टॉप के 9 एसआईपी म्यूचुअल फंड्स

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में बंपर रिटर्न देने वाले टॉप एसआईपी म्यूचुअल फंड्स में क्वांट एक्टिव फंड ने 24.92%, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड ने 20.69% और कोटक इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड ने 24.64% का शानदार प्रदर्शन किया है. मिराए लार्ज एंड मिड-कैप फंड ने 19.74%, एडलवाइस लार्ज एंड मिड-कैप फंड ने 22.34%, और पीजीआईएम इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड ने 14.75% रिटर्न दिया है. वहीं, डीएसपी फ्लेक्सी कैप फंड 18.41%, केनरा रोबेको इमर्जिंग इक्विटीज फंड 20.05% और सुंदरम फोकस्ड फंड 18.27% रिटर्न के साथ निवेशकों को स्थिर लाभ दे रहे हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि लार्ज एंड मिड-कैप फंड्स और फ्लेक्सी कैप फंड्स ने 5 साल के दौरान शानदार प्रदर्शन किया है. इन फंड्स में स्थिरता और तेज़ी दोनों का संतुलन देखने को मिलता है.

3 और 5 साल की रिटर्न रैंकिंग का क्या है महत्व

एसबीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, 5-वर्षीय रिटर्न आमतौर पर किसी फंड की स्थिरता को दर्शाता है. लेकिन, 2020 में मार्केट के लो-लेवल से शुरू हुई रिकवरी के कारण कई फंड्स के रिटर्न असामान्य रूप से ऊंचे रहे. इसलिए, 3-वर्षीय रिटर्न पर भी ध्यान देना जरूरी है, ताकि मौजूदा बाजार रुझानों का असर समझा जा सके. दोनों अवधि के रिटर्न को मिलाकर देखने से निवेशक को यह तय करने में मदद मिलती है कि कौन-से फंड्स लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

क्यों बढ़ रहा है फ्लेक्सी कैप और मिड-कैप फंड्स का प्रभाव?

2025 में टॉप एसआईपी फंड्स की सूची में फ्लेक्सी कैप और मिड-कैप फंड्स का दबदबा कायम है. इसका कारण यह है कि ये फंड्स लार्ज कैप की स्थिरता और मिड-कैप की ग्रोथ दोनों को जोड़ते हैं. लार्ज कैप स्टॉक्स से स्थिरता मिलती है, तो मिड-कैप से तेजी से ग्रोथ की संभावना रहती है. इससे दीर्घकालिक निवेशकों को बेहतर कंपाउंडिंग लाभ मिलता है.

अपने लिए सही एसआईपी म्यूचुअल फंड कैसे चुनें?

एसआईपी में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देना चाहिए.

  • अपने निवेश लक्ष्य तय करें: एसआईपी तभी प्रभावी होती है, जब वह किसी स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य से जुड़ी हो. इनमें 5 साल में कार खरीदना, 10 साल में घर के डाउन पेमेंट के लिए फंड बनाना और 20 साल में रिटायरमेंट कॉर्पस तैयार करना शामिल है.
  • फंड का एसेट एलोकेशन देखें: आपका निवेश प्रोफाइल तय करेगा कि आपको इक्विटी, डेट या हाइब्रिड फंड में एसआईपी करनी चाहिए.
  • अल्पकालिक लक्ष्य → डेट फंड
  • मध्यम अवधि → हाइब्रिड फंड
  • दीर्घकालिक लक्ष्य → इक्विटी फंड
  • पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें: सभी एसआईपी को एक ही थीम या कैटेगरी में निवेश न करें. इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स, मार्केट कैप्स (लार्ज, मिड, स्मॉल) और स्ट्रैटेजीज में निवेश फैलाएं. इससे जोखिम घटता है और रिटर्न स्थिर रहता है.
  • परफॉर्मेंस रिव्यू करें: हर साल अपने एसआईपी पोर्टफोलियो की समीक्षा करें. अगर कोई फंड लगातार अपने बेंचमार्क से पिछड़ रहा है, तो उसे बदलने पर विचार करें. नए टॉप-परफॉर्मिंग फंड्स को समय-समय पर शामिल करते रहें.

एसआईपी से मिलने वाले फायदे

  • अनुशासन और नियमितता: एसआईपी आपको निवेश में अनुशासित बनाती है. एक बार सेट करने के बाद, यह हर महीने अपने आप निवेश करती है, जिससे आप मार्केट टाइमिंग से दूर रहते हैं.
  • कंपाउंडिंग बेनिफिट: एसआईपी के जरिए छोटे निवेश लंबे समय में बड़े बन जाते हैं. “टाइम इन द मार्केट” यहां सबसे बड़ा फैक्टर है.
  • रुपया लागत औसत: मार्केट के उतार-चढ़ाव में एसआईपी औसत लागत घटाती है. यानी, आप गिरावट में ज्यादा यूनिट खरीदते हैं और बढ़त में कम, जिससे औसत लागत कम होती है.
  • फ्लेक्सिबिलिटी: आप किसी भी समय एसआईपी की राशि बढ़ा या घटा सकते हैं. स्टेप-अप एसआईपी जैसी योजनाएं आपको साल-दर-साल निवेश बढ़ाने का विकल्प देती हैं.
  • जोखिम का नियंत्रण: एसआईपी से धीरे-धीरे निवेश करने पर बाजार की अस्थिरता का असर कम होता है. यह एकमुश्त निवेश की तुलना में सुरक्षित तरीका है.

दीर्घकालिक निवेश में एसआईपी की भूमिका

एसआईपी को केवल निवेश नहीं, बल्कि फाइनेंशियल डिसिप्लिन का हिस्सा समझें. यह आपके खर्चों और बचत के बीच संतुलन बनाता है. जो निवेशक कम उम्र में एसआईपी शुरू करते हैं, उन्हें कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ मिलता है. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई निवेशक 25 वर्ष की उम्र में 5,000 रुपये से एसआईपी शुरू करता है और 14% वार्षिक रिटर्न पाता है, तो 55 वर्ष की उम्र तक उसकी कुल राशि 2.3 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.

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2025 में निवेश की सही रणनीति

2025 में क्वांट एक्टिव फंड, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड और मिराए लार्ज एंड मिड-कैप फंड जैसे योजनाएं निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प हैं. लेकिन, याद रखें कि एसआईपी का लाभ केवल लंबी अवधि में मिलता है. फंड चयन से पहले जोखिम क्षमता और लक्ष्य का मूल्यांकन करें. हर साल समीक्षा करें, ताकि पोर्टफोलियो अपडेट होता रहे. SIP निवेश की सबसे बड़ी सीख यही है कि “मार्केट को टाइम मत दो, मार्केट में टाइम दो.” यही रणनीति आपको धुआंधार कमाई दिला सकती है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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