Stock Market Review: अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर संबंधी फैसले पर पूरी तरह निर्भर मानी जा रही है. विश्लेषकों के अनुसार, फेड की नीति न केवल अमेरिकी बाजार बल्कि वैश्विक निवेश धारणा और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की पूंजी प्रवाह स्थिति को भी प्रभावित करती है. यही कारण है कि निवेशक इस बार होने वाली एफओएमसी बैठक पर विशेष नजर बनाए हुए हैं.
पिछले सप्ताह बाजार में दिखी सुस्ती
बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिला. बीएसई सेंसेक्स जहां केवल 5.7 अंकों की हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ. वहीं, एनएसई निफ्टी 16.5 अंक फिसल गया. यह सुस्ती निवेशकों की प्रतीक्षा की भावना को दर्शाती है, क्योंकि सभी की निगाहें आगामी वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर टिकी थीं.
सीपीआई डेटा महत्वपूर्ण
रिलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि 12 दिसंबर को आने वाला भारत का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) डेटा घरेलू बाजारों के लिए अहम भूमिका निभाएगा. अगर महंगाई के आंकड़े नरम रहते हैं, तो बाजार में सकारात्मकता लौट सकती है. वहीं, अगर महंगाई में अप्रत्याशित उछाल दर्ज होता है, तो विदेशी निवेशकों की धारणा पर दबाव बढ़ सकता है.
रुपये की गिरावट पर भी रहेगी पैनी नजर
निवेशक भारतीय रुपये की चाल पर भी पैनी नजर बनाए हुए हैं, जो पिछले सप्ताह डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर से नीचे फिसल गया था. रुपये में कमजोरी आमतौर पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली को बढ़ाती है और आयात लागत को महंगा बनाती है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ सकता है. आने वाले दिनों में फेड के रुख का प्रभाव रुपये की दिशा पर भी दिखाई देगा.
एफओएमसी बैठक बनाएगी वैश्विक माहौल
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्रवेश गौर ने बताया कि 9 से 10 दिसंबर 2025 को होने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक ही सप्ताह का प्रमुख आकर्षण होगी. यह बैठक यह संकेत देगी कि आने वाले महीनों में अमेरिका में ब्याज दरें स्थिर रहेंगी, घटेंगी या और बढ़ेंगी. किसी भी कड़ा रुख अपनाए जाने पर उभरते बाजारों से पूंजी बहाव देखे जाने की संभावना रहती है.
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अमेरिकी आर्थिक डेटा भी रखेगा असर
इसके साथ ही 9 दिसंबर को जारी होने वाले अमेरिकी रोजगार आंकड़े भी वैश्विक बाजारों की चाल में बड़ा योगदान देंगे. मजबूत रोजगार डेटा से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती का संकेत मिलेगा, जो फेड को सख्त रुख अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है. ऐसे हालात में भारतीय बाजार में उतार–चढ़ाव बढ़ने की संभावना है.
भाषा इनपुट के साथ
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