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मजबूत वृद्धि से तीन दिन की गिरावट से उबरा शेयर बाजार, सेंसेक्स ने लगाई 555 अंकों की छलांग

Stock Market: आर्थिक वृद्धि के मजबूत आंकड़ों से घरेलू शेयर बाजार ने तीन दिनों की गिरावट से उबरते हुए सोमवार को तेजी दर्ज की. सेंसेक्स 555 अंक चढ़कर 80,364 पर और निफ्टी 198 अंक बढ़कर 24,625 पर बंद हुआ. आईटी, ऑटो और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी से बाजार को सहारा मिला. विशेषज्ञों के अनुसार, जीडीपी के 7.8% तक पहुंचने और जीएसटी परिषद से जुड़ी उम्मीदों ने निवेशक धारणा को मजबूत किया है. हालांकि, वैश्विक कारक आगे बाजार की दिशा तय करेंगे.

Stock Market: घरेलू शेयर बाजार सोमवार को आर्थिक वृद्धि के मजबूत आंकड़ों से उत्साहित होकर मजबूती के साथ बंद हुए. लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद निवेशकों ने खरीदारी दिखाई, जिससे बाजार में तेजी लौटी। बीएसई सेंसेक्स 555 अंक उछलकर 80,364.49 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 198 अंक बढ़कर 24,625.05 अंक पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 597 अंक तक चढ़ा.

जीडीपी आंकड़ों ने बढ़ाया भरोसा

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की दर से बढ़ी है, जो बीते पांच तिमाहियों में सर्वाधिक है. इस मजबूत आर्थिक प्रदर्शन ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू बाजार को सहारा दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि ऊंची जीडीपी वृद्धि ने बाजार को गिरावट से उबरने का हौसला दिया.

आईटी, ऑटो और बैंकिंग शेयरों में जोरदार खरीदारी

विश्लेषकों के अनुसार, सोमवार को आईटी, वाहन और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 23 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई. महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, इटर्नल, एशियन पेंट्स और इन्फोसिस जैसी कंपनियों ने सबसे अधिक लाभ कमाया.

कुछ दिग्गज शेयरों में गिरावट

हालांकि, सभी सेक्टर एक समान प्रदर्शन नहीं कर सके. सन फार्मा, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाइटन जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट आई, जिसने सेंसेक्स की तेजी को आंशिक रूप से सीमित किया.

वैश्विक संकेतों का असर

एशियाई बाजारों की बात करें तो चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए. इसके विपरीत दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए. यूरोपीय बाजारों में अधिकतर सूचकांक बढ़त में कारोबार कर रहे थे, जबकि अमेरिकी बाजार शुक्रवार को लाल निशान पर बंद हुए थे.

विदेशी और घरेलू निवेशकों की भूमिका

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 8,312.66 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी. इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 11,487.64 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. डीआईआई की मजबूत खरीदारी ने बाजार को गिरावट से बाहर निकलने में मदद की.

ब्रेंट क्रूड और वैश्विक कारक

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड सोमवार को 0.92% बढ़कर 68.10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारतीय बाजार की चाल को भी प्रभावित करता है. विश्लेषकों का कहना है कि ऊर्जा कीमतें निवेशकों की धारणा को आने वाले दिनों में प्रभावित कर सकती हैं.

निवेशक धारणा और आगामी उम्मीदें

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर ने निवेशकों को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भरोसा दिया है. साथ ही, जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में कर संरचना को युक्तिसंगत बनाने की उम्मीदें बाजार की धारणा को और मजबूत कर रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह आशावाद खासतौर पर वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के सेक्टर को लाभ पहुंचा रहा है.

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मजबूत आर्थिक आंकड़ों की बदौलत उछला बाजार

तीन दिनों की गिरावट से जूझने के बाद घरेलू शेयर बाजार ने मजबूत आर्थिक आंकड़ों और निवेशक भरोसे की बदौलत तेजी दर्ज की. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ऊंचाई पर बंद हुए, जबकि वैश्विक बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों का असर भी देखने को मिला. आने वाले दिनों में जीएसटी परिषद की बैठक, वैश्विक तेल कीमतें और अमेरिका की शुल्क नीतियां निवेशकों की धारणा को दिशा दे सकती हैं.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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