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Share Market: शेयर बाजार में हल्की बढ़त, लेकिन अमेरिकी टैरिफ से अनिश्चितता बरकरार

Share Market: भारतीय शेयर बाजार ने हल्की बढ़त दर्ज की, लेकिन निवेशक अमेरिकी टैरिफ घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. सेंसेक्स 76,136 और निफ्टी 23,196 पर खुला. प्रमुख शेयरों में उतार-चढ़ाव दिखा. विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ से भारत प्रभावित होगा, लेकिन छूट मिलने पर स्थिति सुधरेगी.

Share Market: भारतीय शेयर बाजारों ने बुधवार को हल्की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की. बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि बाजार के निवेशक 2 अप्रैल को घोषित होने वाले अमेरिकी टैरिफ पर नजर बनाए हुए हैं. आज के कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 111.58 अंकों (0.15%) की बढ़त के साथ 76,136.09 पर रहा, जबकि निफ्टी 30.50 अंकों (0.13%) की बढ़त के साथ 23,196.20 पर खुला.

प्रमुख बढ़त और गिरावट वाले शेयर

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में टाटा कंज्यूमर, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, जोमैटो और ओएनजीसी के शेयर सबसे ज्यादा लाभ में रहे. दूसरी ओर, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), HCL टेक्नोलॉजीज, डॉ. रेड्डीज लैब्स, NTPC और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.

बाजार की अनिश्चितता पर विशेषज्ञों की राय

बाजार के मौजूदा हालात पर टिप्पणी करते हुए विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा, “लिबरेशन डे (मुक्ति दिवस) बाजार को अनिश्चितता, टैरिफ रोलबैक, प्रतिशोध और एक पूर्ण व्यापार युद्ध के डर से मुक्त नहीं करेगा. ‘टैरिफ डे’ (T-Day) को अनिश्चितता से मुक्ति का दिन नहीं माना जा सकता.” उन्होंने आगे कहा कि बाजार अब यह तय कर चुका है कि इस टैरिफ का कितना प्रभाव होगा और अभी निवेशक “देखो और इंतजार करो” की रणनीति अपना रहे हैं.\

अमेरिकी टैरिफ से भारत पर असर

अजय बग्गा ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 20% टैरिफ से भारत भी प्रभावित होगा और इसे कम करने के लिए अगले कुछ महीनों में भारत को अमेरिका के साथ भाग-दर-भाग समझौता करना पड़ेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय निर्यातकों को पहले ही नुकसान हो चुका है, जिससे आगे की गिरावट सीमित रह सकती है. एक्सिस सिक्योरिटीज के प्रमुख विश्लेषक अक्षय चिन्चलकर ने बताया कि निफ्टी में कल आई गिरावट ने बाजार में बनी बुलिश (तेजी) रणनीति को कमजोर कर दिया है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया है.

उन्होंने कहा, “आज के लिए, 23,090-23,141 का स्तर निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण सपोर्ट ज़ोन है. यदि बाजार इससे नीचे गिरता है, तो यह 22,800-22,900 तक भी जा सकता है, जो एक दीर्घकालिक बैल-बियर थ्रेशोल्ड (Bull/Bear Threshold) है. वहीं, 50-दिन की मूविंग एवरेज 23,000 के आसपास स्थिर हो रही है, जो एक प्रमुख सपोर्ट स्तर रहेगा. बाजार में बुल्स (तेजी के खरीदार) तभी वापस आएंगे जब निफ्टी 23,565 से ऊपर जाएगा.”

अमेरिकी टैरिफ का बाजार पर असर

विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff) की घोषणा का इंतजार कर रहा है, जो फिलहाल निवेशकों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. हालांकि, बाजार पहले ही इसके संभावित प्रभावों को आंशिक रूप से समायोजित कर चुका है, लेकिन हकीकत में इसका असर शुरुआत में अधिक गंभीर दिख सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में छूट और रियायतों की घोषणा के बाद हालात में सुधार होगा.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Abhishek Pandey
Abhishek Pandey
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