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सेबी ने Anil Ambani समेत 24 पर लगाया बैन, बाजार में शेयर धड़ाम

Anil Ambani: सेबी ने अपने आदेश में कंपनी के प्रबंधन तथा प्रवर्तक के लापरवाह रवैये का जिक्र किया, जिसके तहत उन्होंने ऐसी कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपये के कर्ज स्वीकृत किए, जिनके पास न तो परिसंपत्तियां थीं, न ही नकदी प्रवाह, नेटवर्थ या राजस्व था.

Anil Ambani: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व अधिकारियों समेत 24 लोगों पर कंपनी से पैसों की हेराफेरी के मामले में शेयर बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही, बाजार विनियामक ने अनिल अंबानी पर करीब 25 करोड़ रुपये और पांच साल तक शेयर बाजार से जुड़ने पर रोक लगा दी है. इसमें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में शामिल होना शामिल है. इसके अलावा, नियामक ने रिलायंस होम फाइनेंस को प्रतिभूति बाजार से छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह खबर आते ही शेयर बाजार में शुक्रवार को अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनियों के शेयर धड़ाम से गिर गए.

एनएसई में 5.12 प्रतिशत गिरा आरएचएफएल

मीडिया की रिपोर्ट से अनुसार, शेयर बाजार में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) का शेयर एनएसई पर 5.12 प्रतिशत गिरकर 4.45 रुपये पर और बीएसई पर 4.90 प्रतिशत की गिरावट के बाद 4.46 रुपये पर आ गया. बीएसई पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर 10.83 प्रतिशत गिरकर 209.90 रुपये और एनएसई पर यह 8.89 प्रतिशत गिरकर 214.76 रुपये पर आ गया. वहीं, दोपहर के कारोबार में 30 शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स 57.32 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़कर 81,110.51 अंक पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 29.35 अंक या 0.12 प्रतिशत चढ़कर 24,840.85 अंक पर रहा.

अनिल अंबानी पर पैसा निकालने के लिए धोखाधड़ी का आरोप

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी ने अपने 222 पन्नों के अंतिम आदेश में कहा कि अनिल अंबानी ने आरएचएफएल के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों की मदद से कंपनी से धन निकालने के लिए एक धोखाधड़ी की साजिश रची, जिसमें उसे अपनी संबद्ध संस्थाओं को कर्ज के रूप में दिखाया गया था. हालांकि, आरएचएफएल के निदेशक मंडल ने इस तरह का कर्ज देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और कॉर्पोरेट लोन की नियमित समीक्षा की थी, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की. सेबी ने कहा कि इससे पता चलता है कि कामकाज के तरीके में बड़ी त्रुटि हुई, जिसे अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों ने अंजाम दिया. इन परिस्थितियों को देखते हुए, आरएचएफएल कंपनी को धोखाधड़ी में शामिल लोगों के समान जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.

अनिल अंबानी ने अपने पद का किया दुरुपयोग : सेबी

सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इसके अलावा, बाकी संस्थाओं ने या तो अवैध रूप से हासिल कर्जों के प्राप्तकर्ता होने की भूमिका या आरएचएफएल से धन को अवैध रूप से कहीं और पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम देने में भूमिका निभाई है. सेबी ने कहा कि उसके निष्कर्षों के अनुसार धोखाधड़ी की एक साजिश नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) ने रची और आरएचएफएल के केएमपी ने इसे अंजाम दिया. इस साजिश के जरिये सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी (आरएचएफएल) से धन की हेराफेरी की गई और उन अयोग्य उधारकर्ताओं को कर्ज के रूप में दिया गया जो नोटिसी संख्या 2 (अनिल अंबानी) से संबद्ध संस्थाओं के प्रवर्तक पाए गए. अंबानी ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए एडीए ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर अपने पद और आरएचएफएल की नियंत्रक (होल्डिंग) कंपनी में अपनी महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष शेयरधारिता का इस्तेमाल किया.

बिना नेटवर्थ वाली कंपनियों को दिया गया कर्ज

सेबी ने अपने आदेश में कंपनी के प्रबंधन तथा प्रवर्तक के लापरवाह रवैये का जिक्र किया, जिसके तहत उन्होंने ऐसी कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपये के कर्ज स्वीकृत किए, जिनके पास न तो परिसंपत्तियां थीं, न ही नकदी प्रवाह, नेटवर्थ या राजस्व था. सेबी के आदेश के अनुसार, इससे पता चलता है कि ‘कर्ज’ के पीछे कोई खतरनाक मकसद छिपा था. सेबी ने कहा कि स्थिति तब और भी संदिग्ध हो गई, जब हम इस बात पर गौर करते हैं कि इनमें से कई कर्जदार आरएचएफएल के प्रवर्तकों से करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं.

धन की हेराफेरी से खुद कर्ज में फंस गई आरएफएचएल

सेबी के आदेश के अनुसार, आखिरकार इनमें से अधिकतर उधारकर्ता अपने कर्ज चुकाने में विफल रहे, जिसके कारण आरएचएफएल को अपने खुद के कर्ज दायित्वों पर चूक करनी पड़ी. इसके कारण आरबीआई ढांचे के तहत कंपनी का समाधान हुआ, जिससे इसके सार्वजनिक शेयरधारक मुश्किल स्थिति में आ गए. सेबी ने कहा कि मिसाल के तौर पर मार्च 2018 में आरएचएफएल का शेयर मूल्य करीब 59.60 रुपये था. मार्च 2020 तक जब धोखाधड़ी की सीमा स्पष्ट हो गई और कंपनी के संसाधन समाप्त हो गए, तो शेयर की कीमत गिरकर केवल 0.75 रुपये रह गई. अब भी नौ लाख से अधिक लोगों ने आरएचएफएल में निवेश कर रखा है और उन्हें भारी नुकसान का उठाना पड़ रहा है.

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सेबी ने अनिल अंबानी समेत 24 पर लगाया जुर्माना

सेबी ने जिन 24 लोगों को प्रतिबंधित किया है, उनमें अनिल अंबानी के अलावा आरएचएफएल के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर. शाह शामिल हैं. सेबी ने मामले में उनकी भूमिका के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा, नियामक ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये, बापना पर 27 करोड़ रुपये, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपये और शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. सेबी ने रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट एलटी, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित शेष संस्थाओं पर 25-25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना या तो अवैध रूप से ऋण प्राप्त करने या आरएचएफएल से धन के अवैध हस्तांतरण में मध्यस्थ के रूप में काम करने के लिए लगाया गया है.

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