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RBI Proposal: शेयरों पर 1 करोड़ और आईपीओ पर 25 लाख तक मिलेंगे लोन, आरबीआई ने लिमिट बढ़ाने का रखा प्रस्ताव

RBI Proposal: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शेयरों और आईपीओ पर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति में कहा कि शेयरों के लिए बैंक ऋण की सीमा 20 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये और आईपीओ के लिए 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये की जाएगी. इससे निवेशकों को अधिक कर्ज मिलेगा और पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. ऋट, इनविट और अधिग्रहण वित्तपोषण पर भी नई सुविधाएं प्रस्तावित हैं.

RBI Proposal: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को शेयरों और आईपीओ की फंडिंग पर बैंकों की लोन लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया. यह कदम निवेशकों को अधिक कर्ज उपलब्ध कराने और पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के दौरान इस प्रस्ताव का खुलासा किया.

शेयर और आईपीओ के लिए नई सीमा

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंकों द्वारा शेयरों के एवज में दिए जाने वाले लोन की लिमिट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है. वहीं, आईपीओ के लिए प्रति व्यक्ति वित्तपोषण को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का सुझाव रखा गया है. इस बढ़ोतरी से निवेशकों को बैंक से अधिक कर्ज लेने में सुविधा मिलेगी और निवेश संभावनाओं में वृद्धि होगी.

रियल एस्टेट और ढांचागत निवेश ट्रस्ट पर प्रभाव

आरबीआई ने कहा कि बैंकों के लिए रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) के एवज में दिए जाने वाले लोन की लिमिट भी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा, लिस्टेड लोन सिक्योरिटी पर बैंक लोन की मौजूदा नियामकीय सीमा पूरी तरह हटा दी जाएगी. यह कदम पूंजी बाजार और बैंकिंग प्रणाली की मजबूती को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

पूंजी बाजार और बैंकिंग प्रणाली का दृष्टिकोण

आरबीआई ने बताया कि बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं (एनबीएफसी) के पूंजी बाजार संबंधी जोखिम पर क्षेत्रवार और व्यक्तिगत लोन लिमिट के साथ मार्जिन शर्तों के नियम लागू होते हैं. पिछले वर्षों में पूंजी बाजार की मजबूती और बैंकिंग प्रणाली की क्षमता को देखते हुए दिशा-निर्देशों को तर्कसंगत बनाना और बैंकों द्वारा पूंजी बाजार ऋण की संभावनाओं को व्यापक बनाना जरूरी है.

अधिग्रहण वित्तपोषण और नई पहल

आरबीआई के प्रस्ताव के तहत, अब भारतीय कंपनियों द्वारा शेयर अधिग्रहण के लिए बैंकों से वित्तपोषण लेने की सुविधा भी मिल सकेगी. वर्तमान नियमों के तहत शेयर अधिग्रहण के लिए बैंक वित्तपोषण की अनुमति नहीं होती थी. यह कदम कॉरपोरेट निवेश और अधिग्रहण गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा.

पूंजी बाजार मध्यस्थों के लिए ढांचा

आरबीआई ने कहा कि वह पूंजी बाजार मध्यस्थों को ऋण देने के लिए सिद्धांत-आधारित ढांचा तैयार कर रहा है. इसका मसौदा दिशानिर्देश जल्द ही जारी किया जाएगा और इस पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगी जाएगी. इससे बैंक और निवेशक दोनों के लिए नियमों में पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित होगी.

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पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा

आरबीआई का यह प्रस्ताव पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा देने, निवेशकों को अधिक कर्ज की सुविधा देने और बैंकिंग ऋण नियमों में लचीलापन लाने की दिशा में अहम कदम है. इससे निवेशक शेयर और आईपीओ में आसानी से निवेश कर पाएंगे और भारतीय पूंजी बाजार की गतिविधियों में नई गति आएगी.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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