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100% गारंटी देने वाले फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों से रहें सावधान! आरबीआई ने 7 को अलर्ट लिस्ट में किया शामिल

RBI Action: आरबीआई ने अपनी अलर्ट लिस्ट में सात नए अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेड प्लेटफार्मों को जोड़कर निवेशकों को सावधान किया है. इन प्लेटफॉर्मों को फेमा के तहत फॉरेक्स ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. इनसे लेनदेन करने पर वित्तीय जोखिम और कानूनी कार्रवाई का खतरा हो सकता है. रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं को केवल अधिकृत डीलरों के माध्यम से ही विदेशी मुद्रा लेनदेन करने और ऊंचे रिटर्न का लालच देने वाले अनियमित ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से दूर रहने की सलाह दी है.

RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों और बढ़ते ऑनलाइन घोटालों को देखते हुए एक बार फिर सख्ती दिखाई है. केंद्रीय बैंक ने सात नए अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्मों को अपनी ‘अलर्ट लिस्ट’ में जोड़कर निवेशकों को सतर्क किया है. यह कदम विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत बिना अनुमति संचालित होने वाले संस्थानों पर नकेल कसने के उद्देश्य से उठाया गया है. कई प्लेटफॉर्म निवेशकों को जल्दी अमीर बनाने, 100% गारंटीड रिटर्न देने, ऑटो ट्रेडिंग द्वारा बिना मेहनत कमाई जैसे लालच देकर फंसाते रहे हैं.

7 नए प्लेटफॉर्म अलर्ट लिस्ट में शामिल

आरबीआई ने जिन सात प्लेटफार्मों को अलर्ट लिस्ट में जोड़ा है, वे इस प्रकार हैं.

  • स्टारनेट एफएक्स: www.starnetfx.com
  • कैपप्लेस: www.capplace.com
  • मिररॉक्स: www.mirrox.com
  • फ्यूजन मार्केट्स: www.fusionmarkets.com
  • ट्राइव: www.trive.com
  • एनएक्सजी मार्केट्स: www.nxgmarkets.com
  • नॉर्ड एफएक्स: www.nordfx.com

इन संस्थाओं को फेमा या किसी दूसरे वैधानिक ढांचे के तहत विदेशी मुद्रा लेनदेन करने की अनुमति नहीं है. आरबीआई ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इन प्लेटफॉर्मों पर ट्रेडिंग करना निवेशकों को गंभीर वित्तीय जोखिम में डाल सकता है.

आरबीआई की चेतावनी

केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि निवेशक निम्नलिखित प्रकार की गतिविधियों से बचें.

  • लीवरेज्ड फॉरेक्स ट्रेडिंग
  • मार्जिन ट्रेडिंग
  • किसी भी अनधिकृत चैनल के माध्यम से विदेशी मुद्रा अनुबंध
  • हाई रिटर्न का वादा करने वाले एजेंट या डिजिटल प्लेटफॉर्म

आरबीआई के अनुसार, कई अनधिकृत फॉरेक्स प्लेटफॉर्म धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों और “ट्रेडिंग सिखाने के नाम” पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए भोले-भाले उपभोक्ताओं को झांसे में लेते हैं.

ऑनलाइन फॉरेक्स घोटालों में बढ़ोतरी

हाल के वर्षों में डिजिटल माध्यम से फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों में तेजी आई है. कई प्लेटफॉर्म निवेशकों को जल्दी अमीर बनो, 100% गारंटीड रिटर्न, ऑटो ट्रेडिंग द्वारा बिना मेहनत कमाई जैसे लालच देकर फंसाते हैं.

  • इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म भारत में रजिस्टर्ड नहीं होते.
  • आरबीआई की अनुमति प्राप्त नहीं करते.
  • निवेशकों के पैसे विदेश में ट्रांसफर कर देते हैं.
  • अचानक बिना सूचना दिए गायब हो जाते हैं.
  • ऐसी स्थिति में न केवल पैसा डूब जाता है, बल्कि शिकायत का कोई प्रभावी रास्ता भी नहीं बचता.

आरबीआई की अलर्ट लिस्ट का उद्देश्य

आरबीआई की ‘अलर्ट लिस्ट’ जनता को यह पहचानने में मदद करती है कि कौन से संस्थान फॉरेक्स व्यापार करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. यह सूची ऐसे प्लेटफॉर्मों को भी शामिल करती है, जो अनधिकृत संस्थाओं को प्रमोट करते हैं. सोशल मीडिया या विज्ञापनों के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करते हैं. विदेशी कंपनियों की “ट्रेडिंग सलाह” के नाम पर ग्राहकों का डेटा इकट्ठा करते हैं. यह सूची समय-समय पर अपडेट की जाती है, ताकि निवेशकों को गलत प्लेटफॉर्म से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.

अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग करने पर दंड की संभावना

आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे अनधिकृत चैनलों पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करना केवल वित्तीय रूप से नुकसानदेह नहीं है, बल्कि कानूनी रूप से भी गलत है. अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वाले व्यक्तियों पर फेमा के तहत जुर्माना, दंड और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

सुरक्षित ट्रेडिंग का सही तरीका

आरबीआई ने नागरिकों को सलाह दी है कि विदेशी मुद्रा खरीदने, बेचने या निवेश संबंधी किसी भी गतिविधि के लिए केवल इन माध्यमों का उपयोग करें.

  • आरबीआई द्वारा अधिकृत बैंक
  • अधिकृत फॉरेक्स डीलर
  • लाइसेंस प्राप्त वित्तीय संस्थान

अधिकृत संस्थानों की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जहां कोई भी आसानी से सत्यापन कर सकता है.

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आरबीआई की कार्रवाई क्यों महत्वपूर्ण है?

अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेड प्लेटफार्मों की बढ़ती संख्या और धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए आरबीआई का यह कदम निवेशकों के हित में बेहद महत्वपूर्ण है. नई अलर्ट लिस्ट एक संदेश देती है कि फॉरेक्स मार्केट में केवल वैध और स्वीकृत माध्यमों पर भरोसा किया जाए. केंद्र बैंक की सलाह स्पष्ट है कि आकर्षक रिटर्न के चक्कर में अनियमित प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग न करें, क्योंकि इससे न केवल पूंजी का नुकसान हो सकता है, बल्कि कानूनी परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं.

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भाषा और एएनआई इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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