Q2 Result: चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश के सरकारी के बैंकों (पीएसबी) ने शानदार प्रदर्शन किया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में 12 सरकारी बैंकों ने जुलाई–सितंबर तिमाही में मिलकर 49,456 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 9% की सालाना वृद्धि को दर्शाता है.
एसबीआई बना सबसे बड़ा योगदानकर्ता
सभी बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सबसे अधिक मुनाफा दर्ज करते हुए इस संयुक्त लाभ में 40% का योगदान दिया. बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10% अधिक है. एसबीआई का यह प्रदर्शन भारतीय बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता और खुदरा ऋण वृद्धि के संकेत देता है.
छोटे बैंकों का शानदार प्रदर्शन
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने सभी बैंकों में सबसे अधिक 58% की बढ़ोतरी दर्ज की और 1,226 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया. इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 33% की वृद्धि के साथ 1,213 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इन बैंकों का बेहतर प्रदर्शन ऋण विस्तार, एनपीए में कमी और बेहतर ब्याज मार्जिन की वजह से संभव हुआ है.
कुछ बैंकों के मुनाफे में गिरावट
जहां अधिकतर सरकारी बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को दूसरी तिमाही में झटका लगा. बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ 8% घटकर 4,809 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह 5,238 करोड़ रुपये था. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 10% घटकर 4,249 करोड़ रुपये रह गया. इन बैंकों के मुनाफे में कमी का कारण ऋण लागत में वृद्धि और निवेश पर कम रिटर्न बताया जा रहा है.
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दूसरे बैंकों ने भी दिखाई मजबूती
बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 23% की बढ़ोतरी दर्ज की. वहीं, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और इंडियन बैंक ने क्रमशः 19%, 14% और 12% की वृद्धि दर्ज की. ये आंकड़े दिखाते हैं कि सरकारी बैंक मजबूत वित्तीय अनुशासन और बेहतर क्रेडिट गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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