Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में लोगों का भरोसा हमेशा से रहा है. सुरक्षित निवेश, तय ब्याज और सरकारी गारंटी इन्हीं खूबियों के कारण लाखों लोग यहां अपनी कमाई का एक हिस्सा जमा करते हैं. इसी बीच रिकरिंग डिपॉजिट (RD) स्कीम फिर चर्चा में है, क्योंकि मामूली रकम से भी इसमें बड़ी बचत तैयार हो सकती है.
रोज 333 रुपये इन्वेस्ट कर पाएं 17 लाख का फंड
RD की खासियत यही है कि इसमें बहुत ज्यादा रकम की जरूरत नहीं होती. अगर कोई व्यक्ति रोज करीब 333 रुपए बचाकर हर महीने 10,000 रुपए RD में डाल दे तो लगातार निवेश करने पर 10 साल में यह राशि 17 लाख रुपये से अधिक हो जाती है. यानी छोटी-छोटी दैनिक बचत आपकी बड़ी आर्थिक मजबूती बन सकती है.
6.7% ब्याज और बच्चों के नाम भी खुलता खाता
- पोस्ट ऑफिस वर्तमान में RD पर 6.7% का वार्षिक ब्याज दे रहा है.
- योजना इतनी सरल है कि 10 साल से बड़े बच्चे के नाम भी खाता खोला जा सकता है.
- बच्चा 18 साल का होते ही KYC अपडेट करके इसे अपने नाम से आगे चला सकता है.
- सुविधा की बात यह है कि RD का खाता मोबाइल बैंकिंग और ई-बैंकिंग से भी खोला जा सकता है.
5 साल की अवधि, चाहें तो 10 साल तक बढ़ा लें
RD की शुरुआती अवधि 5 साल होती है. अगर निवेशक चाहे तो अवधि को 5 साल और बढ़ाकर कुल 10 साल कर सकता है. यानी लंबे समय तक बचत करने वालों के लिए यह एक स्थिर और सुरक्षित विकल्प है.
इसके साथ कुछ और सुविधाएँ भी मिलती हैं जैसे
- तीन साल बाद अकाउंट बंद करवाने का विकल्प
- खाता धारक की मृत्यु पर नॉमिनी को क्लेम का अधिकार
- एक साल बाद जमा राशि पर लोन की सुविधा
10 साल इन्वेस्ट करने के बाद कितना होगा टोटल अमाउंट?
अगर हर महीने 10,000 रुपए जमा किया जाए तो पहले 5 साल में कुल जमा राशि होगी 6 लाख रुपए. इस 5 साल का ब्याज लगभग 1.13 लाख रुपए होगा. इसके बाद यदि इंवेस्टर्स अगले 5 साल भी जारी रखता है तो कुल जमा राशि 12 लाख रुपए होगा. फिर पूरे 10 साल का टोटल ब्याज लगभग 5.08 लाख रुपए होगा. उसके बाद कुल मैच्योरिटी राशि 17,08,546 रुपए बन जाती है.
कम रकम वाले इंवेस्टर्स के लिए भी फायदे की स्कीम
अगर कोई व्यक्ति हर महीने केवल 5,000 रुपए ही जमा करे तो भी 10 साल में करीब 8.54 लाख रुपए की रकम बनाई जा सकती है. यानी यह योजना उन लोगों के लिए भी बेहतर है जो छोटी राशि से नियमित बचत करना चाहते हैं. RD खाते पर एक साल पूरा होते ही जमा राशि का करीब 50% तक लोन मिल जाता है. लोन पर सिर्फ 2% अतिरिक्त ब्याज लगता है, जिससे अचानक जरूरत पड़ने पर आर्थिक दबाव काफी कम हो जाता है.
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