Festival Shopping: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ के एवज में तगड़ा जवाब दिया है. सरकार की ओर से पिछले सितंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में सुधार करने की वजह से त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को बहुत बड़ी राहत मिली है. इसी का नतीजा है कि त्योहारों के दौरान भारत के उपभोक्ताओं ने कारों से लेकर किचन के सामान की खरीद पर खूब पैसे खर्च किए. इससे भारत के बाजारों में त्योहारी खरीदारी में करीब 6 लाख करोड़ रुपये का उछाल आया और भारत की अर्थव्यवस्था को जोरदार तरीके से बढ़ावा मिला. हालांकि, इसी दौरान अमेरिका ने भी भारतीय सामानों के आयात पर करीब 50% तक भारी-भरकम टैरिफ लागू कर दिया था, जिसका भारत के बाजारों पर असर न के बराबर दिखाई दिया.
त्योहारों में 8.5% बढ़ा उपभोक्ता खर्च
रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बिजोम के ब्लूमबर्ग न्यूज के साथ शेयर किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 22 सितंबर 2025 से 21 अक्टूबर, 2025 के बीच (हिंदू त्योहार नवरात्रि और दिवाली के बीच का समय) खर्च पिछले साल के त्योहारी सीजन के मुकाबले करीब 8.5% बढ़ा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के नेशनल प्रेसिडेंट बीसी भरतिया ने एक बयान में कहा कि देश भर में बिक्री 6 लाख करोड़ रुपये (67.6 बिलियन डॉलर) से ज्यादा हो गई, जिसमें ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, फर्निशिंग और मिठाई जैसी चीजों की सबसे ज्यादा डिमांड रही.
ट्रंप के टैरिफ से रुकी थी रिकवरी
बेहतर बिक्री स्थानीय खपत में बदलाव दिखाती है, क्योंकि अप्रैल में शुरुआती रिकवरी अमेरिका के भारी टैरिफ की वजह से रुक गई थी. नरेंद्र मोदी की सरकार ने 22 सितंबर से लगभग 400 कैटेगरी के प्रोडक्ट्स पर जीएसटी में कटौती करके इसका जवाब दिया.
कारों की बिक्री में आई तेजी
भारत की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनियों मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की महीने की बिक्री में तेजी देखी गई, क्योंकि लगभग एक दशक में पहली बड़ी टैक्स कटौती से कारें सस्ती हो गईं. हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड की बिक्री में धनतेरस पर पिछले साल की तुलना में 20% की बढ़ोतरी देखी गई. धनतेरस सोने सहित बड़ी चीजों की खरीदारी के लिए एक शुभ दिन है, जबकि टाटा मोटर्स ने नवरात्रि और धनतेरस के बीच 100,000 से ज्यादा कारें डिलीवर कीं. महिंद्रा ने ट्रैक्टर की बिक्री में 27% की बढ़ोतरी देखी, क्योंकि अच्छे मॉनसून सीजन से ग्रामीणों की आमदनी बढ़ोतरी हुई. इतना ही नहीं, टैक्स कटौती ने महिंद्रा के लिए और खरीदारी को बढ़ावा दिया.
रविवार को भी काम कर रही मारुति
जीएसटी दरों में कटौती का आलम यह है कि मारुति की प्रोडक्शन टीम बुकिंग में बढ़ोतरी को संभालने के लिए रविवार को भी काम कर रही है. यह बात मार्केटिंग और सेल्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पार्थो बनर्जी ने पिछले हफ्ते पोस्ट-अर्निंग कॉल में कही है. बनर्जी ने कहा कि ऑल्टो, एस-प्रेसो, वैगनआर और सेलेरियो जैसे एंट्री-लेवल मॉडल्स की डिमांड इतनी ज्यादा है कि मारुति के डीलर अब मजाक में कहते हैं कि टू-व्हीलर चलाने वाले कार खरीद रहे हैं. वे अपने हेलमेट शोरूम में छोड़कर जाते हैं.
त्योहारी सीजन में किचन कैटेगरी में उछाल
कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड और एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड जैसी फाइनेंशियल सर्विस फर्मों ने सभी कैटेगरी में खर्च में अच्छी बढ़ोतरी देखी. क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कालीश्वरन ए ने ब्लूमबर्ग न्यूज को बताया, “फेस्टिवल शॉपिंग के दौरान हमने किचन कैटेगरी में उछाल देखा गया, जिसमें प्रेशर कुकर जैसे प्रोडक्ट्स को टैक्स कटौती का फायदा मिला.
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दबी हुई मांग के कारण बढ़ी बिक्री
नोमुरा की अर्थशास्त्री सोनल वर्मा और ऑरोदीप नंदी ने 27 अक्टूबर के एक नोट में लिखा कि बिक्री में इस उछाल को सावधानी से समझना चाहिए, क्योंकि इसका कुछ कारण सामान्य से ज्यादा दबी हुई मांग हो सकती है. उन्होंने लिखा कि एक सही मेट्रिक के लिए “दिसंबर से जनवरी के समय के डेटा ट्रेंड्स को भी ध्यान में रखना होगा.” बोफा सिक्योरिटीज की 29 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि आर्थिक मुश्किलें थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन धीमी आय वृद्धि, कमजोर श्रम बाजार और घटते आर्थिक प्रभाव जैसे कारक अवधारणा और मांग की स्थिति पर असर डाल रहे हैं.
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